अंतर्राष्ट्रीय ऊंट विशेषज्ञ डॉ इल्से कोहलर रोल्फसन ने पीएम श्री बालिका विद्यालय में ऊंट संरक्षण संवर्धन पर दी वार्ता

सादड़ी। अंतर्राष्ट्रीय ऊंट विशेषज्ञ मारवाड़ रत्न व नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित जर्मन मूल की डा इल्से कोहलर रोल्फसन ने स्थानीय पीएम श्री श्री धनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ वार्ता में ऊंटों के महत्व व प्रकाश डाला तथा ऊंटों के संरक्षण और संवर्धन के लिए अपने द्वारा किए गए कार्य साझा किए तथा ऊंटों को बचाने की अपील की।
रोल्फसन ने कहा कि मुझे यहां की संस्कृति ने आकर्षित किया तथा लोकहित पशुपालक संस्थान के माध्यम से ऊंट संरक्षण व संवर्धन व ऊंट पालन का कार्य करने वाले समाज के लिए कार्य शुरू किया जो आगे भी चलता रहेगा। उन्होंने हिंदी भाषा में बालिकाओं से ऊंट पालन को लेकर संवाद किया। उन्होंने ऊंटनी के दूध से बनने वाले उत्पादों की जानकारी देते हुए ऊंट अर्थव्यवस्था का आधार कैसे बन सकते हैं बताया तथा ऊंट के दूध ,ऊन व मैंगनी से बनने वाले उत्पादों को लोकव्यवहार में अपनाने के लिए आह्वान किया। इस अवसर पर लोक हित पशुपालक संस्थान के निदेशक हनवंत सिंह राठौड़ ने लोक हित पशुपालक संस्थान की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला। वार्ता सत्र की अध्यक्षता प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने की।
सरस्वती पूजन से प्रारंभ हुए इस अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ वार्ता सत्र में सर्वप्रथम प्रधानाचार्य विजय सिंह माली व कविता कंवर के नेतृत्व में डा इल्से कोहलर रोल्फसन व हनवंत सिंह राठौड़ का साफा शाल द्वारा स्वागत किया व विद्यालय परिवार की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। प्रधानाचार्य माली ने पीएम श्री योजना की जानकारी दी तथा अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ वार्ता की प्रासंगिकता बताई। सुशीला सोनी ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर राठौड़ ने विद्यालय परिवार को लोकहित पशुपालक संस्थान आने का न्यौता दिया। बालिकाएं जर्मन मूल की रोल्फसन को हिंदी में वार्ता देते देखकर प्रसन्न हुई तथा अपनी जिज्ञासाएं रखी जिसका रोल्फसन ने समाधान किया।मंच संचालन प्रकाश कुमार शिशोदिया ने किया।इस अवसर पर स्नेह लता गोस्वामी मधु गोस्वामी महावीर प्रसाद कन्हैयालाल सरस्वती पालीवाल मनीषा सोलंकी रमेश सिंह राजपुरोहित रमेश कुमार वछेटा गजेन्द्र सिंह समेत समस्त स्टाफ व बीएड प्रशिक्षु फरीन उपस्थित रहीं।
उल्लेखनीय है कि जर्मन मूल की डाक्टर इल्से कोहलर रोल्फसन नब्बे के दशक में भारत आई तथा ऊंटों के संरक्षण संवर्धन में जुट गई। यहां की भाषा संस्कृति सीखी। इनके उल्लेखनीय कार्य के लिए इन्हें 2014 में मारवाड़ रत्न,2016में राष्ट्र पति भारत सरकार द्वारा नारी शक्ति सम्मान व 2017में जर्मन सरकार द्वारा भी सम्मानित किया गया।