राजस्थान में 29 साल की युवती ने किया 11 विषयों में MA का दावा! RPSC के सामने फर्जीवाड़े की बड़ी पोल खुली | जानिए पूरा मामला

जयपुर | राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की भर्ती प्रक्रिया में सामने आया हाई-प्रोफाइल फर्जीवाड़ा, जिसने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। सिर्फ 29 साल की उम्र और 11 विषयों में MA डिग्री का दावा करने वाली एक महिला अभ्यर्थी के मामले ने सोशल मीडिया से लेकर प्रशासनिक गलियारों तक सनसनी फैला दी है।
क्या है पूरा मामला?
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्राध्यापक एवं कोच प्रतियोगी परीक्षा-2024 के ऑनलाइन आवेदनों की जांच के दौरान यह चौंकाने वाला मामला सामने आया।
मनीषा कटारा, पुत्री श्री नाथू कटारा, निवासी भीमखोरा (ग्राम टांडीकलां, तहसील कुशलगढ़, जिला बांसवाड़ा) ने 11 अलग-अलग विषयों में MA की शैक्षणिक योग्यता दर्शाते हुए उन सभी विषयों के लिए आवेदन किया।
कौन-कौन से विषयों में किया MA का दावा?
- 1. राजनीति विज्ञान (Political Science)
- 2. इतिहास (History)
- 3. जीवविज्ञान (Biology)
- 4. रसायन विज्ञान (Chemistry)
- 5. समाजशास्त्र (Sociology)
- 6. अर्थशास्त्र (Economics)
- 7. पंजाबी
- 8. ड्राइंग (Drawing)
- 9. गृह विज्ञान (Home Science)
- 10. राजस्थानी संगीत (Rajasthani Music)
- 11. शिक्षा (Education)
विशेष बात: सामान्यतया एक व्यक्ति 2 से 3 विषयों में ही उच्च शिक्षा प्राप्त करता है, लेकिन 29 वर्षीय इस अभ्यर्थी ने 11 विषयों में MA का दावा कर सभी को हैरान कर दिया।
संपर्क का प्रयास विफल, अब कानूनी कार्रवाई तय
RPSC ने अभ्यर्थी को उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन न तो कॉल रिसीव हुई और न ही उसने वापस कॉल किया।
अब आयोग द्वारा इस प्रकरण में व्यक्तिगत सुनवाई के बाद कानूनी कार्रवाई शुरू करने की तैयारी है।
आयोग की सख्ती | फर्जी आवेदकों पर टेढ़ी नजर
राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव के अनुसार, आवेदन पत्र भरते समय उम्मीदवार द्वारा एक स्वघोषणा दी जाती है कि दी गई सभी जानकारियां सत्य हैं। झूठी जानकारी मिलने पर आयोग कानूनी कार्यवाही कर सकता है।
इस प्रकरण से स्पष्ट है कि कुछ अभ्यर्थी परीक्षा तिथियों में हेरफेर का लाभ उठाकर फर्जी आवेदन कर रहे हैं, जिससे न केवल पात्र अभ्यर्थियों को नुकसान होता है, बल्कि आयोग की परीक्षा व्यवस्था भी प्रभावित होती है।
परीक्षा की विशालता
इस बार आयोग द्वारा 24 विषयों में कुल 2202 पदों के लिए राज्यभर के 21 शहरों में 904 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की जा रही है।
5.83 लाख से अधिक उम्मीदवार इस भर्ती में हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे में हर एक असत्य आवेदक, परीक्षा संचालन में भारी अड़चन पैदा करता है।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
आयोग ने सभी अपात्र/फर्जी आवेदकों को आवेदन विदड्रा करने का मौका दिया था।
कई ने फिर भी आवेदन वापस नहीं लिया।
अब RPSC द्वारा चिन्हित कर ऐसे सभी आवेदकों पर कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
इस घटना ने न केवल भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त कानून की आवश्यकता को भी उजागर किया है। RPSC की यह कार्रवाई भविष्य के लिए एक चेतावनी है कि झूठे दावे अब नहीं चलेंगे — न परीक्षा में, न भर्ती में!
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