रायला में एसकेएम स्कूल का भव्य वार्षिकोत्सव और नर्मदेश्वर शिवलिंग प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न
3 हजार लोगों की उपस्थिति, विद्यार्थियों के प्रस्तुत कार्यक्रमों ने बटोरी वाहवाही

- रायला (भीलवाड़ा)
कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद दामोदर अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ विशिष्ट अतिथियों के रूप में पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट, आरएसएस चित्तौड़ प्रांत के उद्योग प्रकोष्ठ संयोजक रविंद्र जाजू, पूर्व सीएमएचओ डॉ. आरसी सामरिया, कांग्रेस नेता नरेंद्र रेगर, पेंशनर एसोसिएशन अध्यक्ष बालूराम टांक, रायला एसएचओ, पूर्व आयुक्त मनफूल सिंह चैधरी, महेश ओझा सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विद्यार्थियों ने अपनी कला, भाव और अनुशासन से उपस्थितजनों का मन मोह लिया। कार्यक्रमों में सनातन संस्कृति की विविध झलकियां प्रस्तुत की गईं। बालिका शिक्षा, रक्षा, सुरक्षा और दीक्षा जैसे गंभीर विषयों पर विद्यार्थियों ने भावपूर्ण नृत्य और अभिनय के माध्यम से जागरूकता का संदेश दिया। इसके साथ ही महाभारत, अर्द्धनारीश्वर, हर कोई अंतिम चीज नहीं, खेलेगा इंडिया, जीतेगा इंडिया तथा शिवाजी महाराज पर आधारित प्रस्तुतियों ने पांडाल में मौजूद हजारों दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।
कार्यक्रम के दौरान सांसद दामोदर अग्रवाल ने एसकेएम स्कूल द्वारा चलाए जा रहे “एकात्म अभियान- हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान” विषयक पोस्टर का लोकार्पण किया। उन्होंने स्कूल परिसर का निरीक्षण कर विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों और वातावरण की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में भी भारतीय सनातन संस्कृति को प्रमुखता दी जा रही है, जो आज के दौर में एक अनुकरणीय कार्य है।
कार्यक्रम में स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं संस्थापक हंसराज चैधरी ने सभी अतिथियों व आगंतुकों का स्वागत किया। निदेशक जितेंद्र चैधरी ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए स्कूल में उपलब्ध शैक्षणिक, सांस्कृतिक और तकनीकी सुविधाओं की जानकारी दी।
विशिष्ट अतिथि पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने अपने उद्बोधन में कहा कि छोटे से गांव रायला में एसकेएम स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा जो सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, वे अत्यंत सराहनीय और प्रेरणादायक हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों ने जिस शुद्ध उच्चारण और आत्मविश्वास के साथ मंचन किया है, वह बड़े-बड़े शहरों के विद्यार्थियों को भी प्रेरणा देने वाला है। उन्होंने कहा कि इन प्रस्तुतियों से ऐसा प्रतीत होता है मानो रामराज्य की परिकल्पना मूर्त रूप ले रही है। जाट ने स्कूल प्रशासन और विद्यार्थियों को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी। विद्यालय के प्राचार्य राजन स्केरिया ने समारोह में पधारे सभी अतिथियों, अभिभावकों और ग्रामीणजनों का आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम में रायला सहित आस-पास के गांवों से लगभग तीन हजार की संख्या में लोग उपस्थित रहे। पूरे आयोजन में धार्मिकता, सांस्कृतिक समरसता और अनुशासन का सुंदर समन्वय देखने को मिला। समारोह में विद्यार्थियों की प्रतिभा, स्कूल प्रशासन की सूझबूझ और ग्रामीणों की सहभागिता ने इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया।
इस भव्य आयोजन ने न केवल बच्चों के आत्मविश्वास को निखारा, बल्कि ग्राम्य जीवन में शिक्षा और संस्कृति के समन्वय की मिसाल भी पेश की। रायला के इस छोटे से गांव में हुआ यह आयोजन एक आदर्श उदाहरण बन गया है, जिससे प्रेरणा लेकर अन्य शैक्षणिक संस्थान भी अपनी भूमिका और योगदान को सुदृढ़ बना सकते हैं।
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