रावत-राजपूत महासभा संरक्षकमण्डल की बैठक सम्पन्न, पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में सौंपा गया ज्ञापन

भीम (राजसमंद)। राजस्थान रावत-राजपूत महासभा, ब्यावर के संरक्षकमण्डल की एक महत्वपूर्ण बैठक भीम कस्बे में सम्पन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधान संरक्षक बिरदसिंह खोडमाल ने की। बैठक में पूर्व गृहमंत्री एवं स्क्वाड्रन लीडर डॉ. लक्ष्मणसिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
बैठक में पूर्व अध्यक्षगण – नाथूसिंह बोच, एडवोकेट नन्दकिशोरसिंह चौहान, एडवोकेट विश्वम्भरकृष्ण सिंह बग्गड़, गिरधारीसिंह बरजाल तथा हाल ही में निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष पन्नासिंह जोड़किया सहित कई प्रमुख सदस्य उपस्थित थे।
पहलगाम आतंकी हमले की निंदा, ज्ञापन सौंपा गया
बैठक की शुरुआत हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। इस कायराना हमले के विरोध में संरक्षकमण्डल ने कड़ा रोष जताया और उपखंड अधिकारी, भीम को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में आतंकवादियों को शीघ्र गिरफ्तार कर फांसी की सजा देने की मांग की गई। साथ ही, रावत-राजपूत समाज की ओर से भारत सरकार के साथ दृढ़ समर्थन और सहयोग का भरोसा जताया गया।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है और सरकार को आर-पार की नीति अपनाने की अपील की गई।
महासभा कार्यकारिणी को संरक्षकमण्डल की स्वीकृति
बैठक के दौरान महासभा के संविधानानुसार हाल ही में सम्पन्न चुनावों के बाद नई प्रदेश कार्यकारिणी को औपचारिक रूप से अनुमोदित किया गया। संरक्षकमण्डल ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष पन्नासिंह जोड़किया को बधाई दी और उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं।
आगामी दो वर्षों का कार्ययोजना तय
बैठक में आगामी दो वर्षों के लिए महासभा की विस्तृत कार्ययोजना पर चर्चा की गई और उसे अंतिम रूप दिया गया। प्रस्तावित कार्यक्रमों में निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
- संस्कार शिविरों का आयोजन
- सामूहिक विवाह कार्यक्रमों का संचालन
- प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन
- ऐतिहासिक धरोहरों का जीर्णोद्धार एवं नवीन निर्माण
- प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रति विद्यार्थियों में रुचि बढ़ाने हेतु प्रतियोगिताएं
महासभा का उद्देश्य समाज में शिक्षा, संस्कृति और सहयोग की भावना को सुदृढ़ करना है।
पंजीयन संख्या के दुरुपयोग पर चेतावनी
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि कुछ समूह महासभा के नाम और पंजीयन संख्या का अनुचित उपयोग कर रहे हैं। इस पर सभी पूर्व अध्यक्षगण ने कड़ी आपत्ति जताई और ऐसे तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
इस बैठक के माध्यम से महासभा ने एक बार फिर अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को स्पष्ट किया और राष्ट्रीय मुद्दों पर एकजुटता दर्शाते हुए समाज के हितों की रक्षा का संकल्प दोहराया।