लटेरी जनपद पंचायत में एक दिवसीय अल्पविराम कार्यक्रम आयोजित
प्रतिभागी बोले बेहतर समाज के लिए ऐसे आयोजन होना जरूरी है
संवाददाता - रवि पंथी
लटेरी। राज्य आनंद संस्थान आनंद विभाग द्वारा लटेरी जनपद पंचायत में एक दिवसीय अल्पविराम कार्यक्रम आयोजित किया गया इस कार्यशाला में महिला बाल विकास, जनपद पंचायत, शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस विभाग के 60 कर्मचारी अधिकारियों को आनंद विभाग में संचालित गतिविधियों की जानकरी प्रदान की गई। कार्यक्रम की शुरूआत मौन प्रार्थना के साथ की गई। प्रारंभ में आनंद विभाग द्वारा संचालित गतिविधियों का परिचय दिया गया । ततपश्चात मास्टर ट्रेनर राजेश पटेल ने अल्पविराम के बारे में बताया गया।
पटेल नें आनंद की ओर जीवन का लेखा जोखा सत्र लिया। जिसमे बताया गया कि मेरे जीवन का आनंद क्या है हमे सबसे पहले तो यह तय करना जरूरी है कि मेरा आनंद किस में है उंसके लिए खुद को जानना जरूरी है और खुद को जानने की प्रकिया ही अल्पविराम है जिस पर प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किया।
एक प्रतिभागी ने कहा कि मुझे लोगो की मदद करने में आनंद आता है वहीं दूसरे प्रतिभागी ने कहा कि मुझे प्रकृति के साथ रहना पेड़ पौधे को सहजने में आनंद आता है, जिस पर पटेल ने अपने अनुभवों को साझा किया ओर कहा कि अल्पविराम एक प्रकिया है जिसे एक दिन में नही किया जा सकता निरन्तर अल्पविराम से हमारे व्यक्तिगत जीवन को दर्पण की तरह देखने का मौका मिलता है।
वही मास्टर ट्रेनर श्रीमती अंजना श्रीवास्तव ने फ्रीडम ग्लास टूल्स के माध्यम से स्वामी के जीवन रूपी गिलास को खाली करने की प्रक्रिया को बताया उन्होंने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि हम जैसे हैं वैसे ही लोगों के सामने खुद को प्रेजेंट करते हैं या फिर अपने अंदर की उन बुराइयों को छुपा कर रखा है यदि उन बुराइयों को अपने अंदर से निकलते हैं तो कितना सकारात्मक प्रभाव हमारे व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है उन्होंने कहा कि आप बोझ के साथ रहना चाहते हैं या पूरी तरह से निश्चल होकर यह आपके ऊपर निर्भर करता है उन्होंने कहा कि अल्पविराम एक ऐसा माध्यम है जो हमें खुद की गलतियों को देखकर उनमें सुधार करने और एक सही दिशा भी हमें यहां से मिलती है.
मास्टर ट्रेनर संजय कुमार श्रीवास्तव ने विभिन्न खेल गतिविधियों के माध्यम से नैतिकता के चार मूल्य पर प्रकाश डाला और उन्होंने कहा कि जीवन तो सब जीते हैं लेकिन नैतिकता पर जीवन जीना क्यों और कितना महत्वपूर्ण है उन्होंने स्वयं व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि मैं भी एक अधिकारी हूँ पर पहले मैं काम अपनी नौकरी के हिसाब से करता था और उसका प्रभाव मेरे ऑफिस तक सीमित था लेकिन अल्पविराम के बाद मेरे काम करने का नजरिया और दायरा बड़ा है अब उसका प्रभाव मैं मेरे खुद के जीवन के अलावा समाज के बीच भी देख पा रहा हूं कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए प्रायश्चित का भाव व्यक्त किया कई प्रतिभागियों ने समापन सत्र में अपनी बुराइयों को त्यागने का संकल्प लिया इस दौरान बड़ी संख्या में प्रतिभागी मौजूद थे।