विनोद आर्य लोनी गाजियाबाद पूर्व नाम अली अहमद हब्बारी 1 सितंबर को आयेगे पाली
- पाली
घेवरचन्द आर्य पाली
आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के प्रचारक वैदिक विद्वान विनोद आर्य (लोनी गाजियाबाद) पूर्व नाम अली अहमद हब्बारी जिन्होंने सन् 1980 में इस्लाम धर्म छोड़कर सत्य सनातन वैदिक धर्म ग्रहण किया है ।
वे 1 सितंबर को वैदिक धर्म के प्रचार प्रसार हेतु पाली पधार रहे हैं। वे पाली में सुबह 8 बजे से 10 बजे तक आर्य समाज के सप्ताहिक अधिवेशन में भाग लेंगे। पश्चात भारत, बंगलादेश और पाकिस्तान में हो रही निर्दोष नागरिकों की हत्याओं बलात्कार और राष्ट्र की वर्तमान साम्प्रदायिक समस्याओं के समाधान के बारे में शास्त्रों के अनुसार उनके समाधान पर मोटीवेशन देंगे।
आर्य समाज पाली के प्रचार मंत्री घेवरचन्द आर्य ने बताया कि विनोद आर्य के पिता मौलवी इमाम सुल्तान अहमद हब्बारी बड़हलगंज जिला गोरखपुर मस्जिद के मौलवी इमाम थे। उन्होंने आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के तत्कालीन प्रधान इन्द्रराज की अध्यक्षता सन् 1980 में आयोजित शुद्धी संस्कार में मुस्लिम धर्म छोड़कर सनातन वैदिक धर्म ग्रहण किया था। जिनका शुद्धी संस्कार के बाद वैदिक नाम गंगाधर आर्य रखा गया। पुत्र अली अहमद का वैदिक नाम विनोद आर्य रखा गया। पंडित इन्द्रराज जी आर्य जगत के विख्यात संन्यासी स्वामी विवेकानन्द जी सरस्वती गुरुकुल प्रभात आश्रम मेरठ के शिष्य एवं गुरूकुल प्रभात आश्रम के आधार स्तम्भ है।
पंडित गंगाधर जी आर्य जगत के विख्यात वैदिक धर्म प्रचारक थे। जिनका सन् 2021 में निधन हो गया है। आपने अपनी धर्मपत्नी की प्रेरणा से स्वेच्छा से वैदिक धर्म ग्रहण कर अपना जीवन आर्य समाज के प्रचार प्रसार में लगा दिया था। बताया जाता है कि मौलवी इमाम साहब की धर्मपत्नी डी ए वी स्कुल की छात्रा थी उन्हीं की प्रेरणा से मौलवी साहब ने मुस्लिम मजहब छोड़कर वैदिक धर्म ग्रहण किया।