News

विश्व का प्रथम सत्याग्रह: आउवा में 281 शहीदों को श्रद्धांजलि, समारोह की तैयारियां पूर्ण

आउवा (पाली) :  इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों में अंकित विश्व के प्रथम सत्याग्रह – आउवा आत्मोसर्ग आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देने हेतु एक भव्य समारोह का आयोजन रविवार, 13 अप्रैल को कामेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण, आउवा में किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर 281 शहीदों को स्मरण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए जाएंगे।

इस समारोह का आयोजन प्राचीन धरोहर संरक्षण समिति द्वारा किया जा रहा है। समिति के अध्यक्ष एवं राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त ओंकार सिंह लखावत के साथ देशभर से अनेक साहित्यकार, कवि, लेखक, इतिहासकार व शिक्षाविद इस ऐतिहासिक श्रद्धांजलि सभा में शामिल होंगे।

Img 20250412 wa0020

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

सामाजिक कार्यकर्ता देवी सिंह देवल कूपड़ावास ने जानकारी दी कि विक्रम संवत 1643 में जोधपुर के तत्कालीन शासक महाराजा उदयसिंह (जिन्हें ‘मोटा राजा’ भी कहा जाता है) द्वारा चारण समाज की जागीरें जब्त करने के विरोध में यह ऐतिहासिक आंदोलन किया गया था।

चारण समाज के तत्कालीन जागीरदारों और समाज के लोगों ने कामेश्वर महादेव मंदिर, आउवा में एकत्र होकर अन्याय के विरुद्ध सत्याग्रह का शंखनाद किया। यह सत्याग्रह आत्मोसर्ग आंदोलन न केवल जोधपुर रियासत के खिलाफ था, बल्कि यह विश्व का प्रथम आत्मोसर्ग आधारित सत्याग्रह माना जाता है। इस आंदोलन में चारण समाज के 281 वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।

आंदोलन के शहीद:

इस आत्मबलिदान में शामिल प्रमुख नामों में –

अखा बारहठ, जगा खिड़िया, दूरसा आढ़ा, खंगार रत्नू, गोविन्द दमामी सहित

  • 44 खिड़िया,
  • 17 रत्नू,
  • 35 रोहड़िया

वंशों के लोग शामिल थे, जिन्होंने अपनी मातृभूमि, समाज और सम्मान की रक्षा हेतु अपने प्राण न्योछावर किए।

महात्मा गांधी को भी मिली प्रेरणा:

देवी सिंह देवल का मानना है कि आउवा का यह आत्मोसर्ग सत्याग्रह विश्व का पहला ऐसा आंदोलन था, जिससे महात्मा गांधी ने भी प्रेरणा ली और आगे चलकर उन्होंने अहिंसात्मक सत्याग्रह आंदोलन की नींव रखी। इसलिए इस आंदोलन को वैश्विक मंच पर उचित पहचान देने की आवश्यकता है।

श्रद्धांजलि समारोह की झलक:

इस अवसर पर देशभर से चारण समाज के गणमान्यजन, साहित्यकार एवं कवि एकत्र होंगे। कविताओं और भावपूर्ण प्रस्तुतियों के माध्यम से शहीदों को तिलांजलि दी जाएगी। समारोह की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं, साहित्य प्रेमियों और इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों से कार्यक्रम में शामिल होकर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने की अपील की है।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

One Comment

  1. Thank you for every other great article. The place else could anyone get that type of information in such an ideal approach of writing? I have a presentation next week, and I’m on the search for such info.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
17:53