विहिप: हिन्दू एकता और सामाजिक समरसता के लिए 60 वर्षों की यात्रा

- पाली
हिन्दू समाज की एकता, सामाजिक समरसता, गौरवशाली अतीत की समझ और बेहतर भविष्य का निर्माण विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की स्थापना का मूल उद्देश्य रहा है।
यह बात जोधपुर प्रान्त के मंत्री परमेश्वर जोशी ने विहिप के प्रान्तीय कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग के उद्घाटन सत्र में कही। उन्होंने बताया कि विहिप की स्थापना 1964 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन हुई थी। यह संगठन संतों, सन्यासियों और संघ के पूर्व प्रमुख की प्रेरणा से शुरू किया गया था।
जोशी ने बताया कि विहिप ने बीते 60 वर्षों में हिन्दू समाज को जाति और पंथ के भेद से ऊपर उठाकर एकजुट करने का प्रयास किया है। 1969 में उडुपी सम्मेलन में ‘हिन्दवा सहोदराः सर्वे, न हिन्दू पतितो भवेत्’ का नारा देकर सामाजिक समरसता की शुरुआत की गई थी।
उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन, गौ रक्षा, मतांतरण रोकना, लव जिहाद से सुरक्षा, घर वापसी, वनवासी सेवा, मंदिर संरक्षण, अमरनाथ यात्रा सुरक्षा, रामसेतु रक्षा और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने जैसे कार्यों की जानकारी दी।
जोशी ने कहा कि वर्तमान हालात में विहिप हिन्दू समाज के लिए एक आशा का केंद्र है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि प्रशिक्षण के बाद वे अपने क्षेत्रों में जाकर कार्य का विस्तार करें।
प्रान्त प्रचार-प्रसार टोली सदस्य मनीष सैन ने बताया कि इससे पहले दीप प्रज्वलन कार्यक्रम हुआ, जिसमें विहिप और जूनी धाम ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने भाग लिया। वर्ग प्रमुख शैतान सिंह बिरोलिया ने बताया कि जोधपुर प्रान्त के 25 जिलों से 150 प्रतिभागी इस प्रशिक्षण वर्ग में शामिल हुए हैं, जिनको 50 शिक्षक और प्रबंधक प्रशिक्षण देंगे।
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