राज्य के खान विभाग ने ढाई माह में 1670 करोड़ का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया

- जयपुर।
माइनिंग क्षेत्र में पारदर्शिता, तकनीकी नवाचार और राजस्व वसूली में तेजी लाने पर ज़ोर
राजस्थान के खान एवं भू-विज्ञान विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अब तक की सर्वाधिक राजस्व वसूली का रिकॉर्ड बनाया है। विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने जानकारी दी कि 1 अप्रैल से 17 जून 2025 तक विभाग ने 1670 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जो कि इस अवधि में अब तक का सबसे अधिक राजस्व है।
राजस्व लक्ष्य की शत-प्रतिशत प्राप्ति पर ज़ोर
प्रमुख सचिव रविकान्त ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व वृद्धि के समन्वित प्रयासों को गति दी जाए और वित्तीय वर्ष के तय राजस्व लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने इस दिशा में कार्यों को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
माइनिंग से जुड़ी प्रक्रियाएं अब होंगी पूर्णतः ऑनलाइन
विभागीय गतिविधियों में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए रविकान्त ने कहा कि माइनिंग से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है। इसमें माइनिंग प्लान की अनुमोदन प्रक्रिया, लीज इनफॉर्मेशन और डिमांड सिस्टम शामिल हैं। इससे न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि खननधारकों को अनावश्यक दौड़भाग से भी राहत मिलेगी।
एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग माइनरल एक्सप्लोरेशन में
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशन में खान विभाग ने तकनीकी नवाचार की दिशा में भी महत्वपूर्ण पहल की है। रविकान्त ने बताया कि अब पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग सिस्टम का उपयोग खनिज अन्वेषण (मिनरल एक्सप्लोरेशन) के लिए प्रारंभ किया गया है। पायलट परिणामों के विश्लेषण के बाद इस योजना को और अधिक व्यापक रूप से लागू किया जाएगा।
डीएमएफटी के माध्यम से जन-कल्याणकारी योजनाओं पर ज़ोर
प्रमुख सचिव ने बताया कि जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) को और अधिक व्यावहारिक रूप में लागू किया जा रहा है। इसके अंतर्गत खनन प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, महिला एवं बाल विकास जैसे जन-जीवन से सीधे जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
खनिज प्लॉट और ब्लॉक की तेजी से तैयारी
राज्य में माइनिंग सेक्टर को और अधिक निवेश और रोजगारमूलक बनाने के उद्देश्य से खनिज ब्लॉकों की डेलिनियेशन और ऑक्शन प्रक्रिया को गति देने पर भी ज़ोर दिया गया। रविकान्त ने माइनिंग और जियोलॉजी विंग में बेहतर समन्वय स्थापित करने की बात कही, जिससे अवैध खनन पर भी प्रभावी रोक लगाई जा सके।

पुरानी और वर्तमान बकाया की सख्त वसूली
उन्होंने राजस्व वसूली को लेकर सख्ती दिखाते हुए निर्देश दिए कि पुरानी और चालू बकाया राशि की वसूली के लिए अधिक प्रभावी प्रयास किए जाएं।
अधीनस्थ अधिकारियों को समयबद्ध कार्य निष्पादन के निर्देश
निदेशक माइंस दीपक तंवर ने विभागीय कार्यों की निगरानी और समयबद्ध निष्पादन की बात कही। उन्होंने कहा कि अधीक्षण खनिज अभियंता स्तर पर राजस्व वसूली, खनिज प्लॉट की नीलामी, ठेकों की प्रक्रिया और रॉयल्टी वसूली की नियमित समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि खननधारकों से राजस्व बकाया होने पर तुरंत नोटिस भेजा जाए, ताकि समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।
तंवर ने आश्वासन दिया कि विभाग राज्य सरकार द्वारा तय किए गए राजस्व लक्ष्यों की पूर्ति पूरी तत्परता से सुनिश्चित करेगा। उन्होंने फील्ड अधिकारियों से अपेक्षा की कि वित्तीय वर्ष के अंतिम महीनों की प्रतीक्षा किए बिना प्रतिमाह लक्ष्य अनुसार वसूली करें।
लंबित प्रकरणों के त्वरित निपटारे के निर्देश
समीक्षा बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि न्यायालयों, विधानसभा, मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव कार्यालय से प्राप्त पत्रों और अभाव-अभियोगों से संबंधित लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में प्रमुख अधिकारी उपस्थित
इस महत्वपूर्ण बैठक में संयुक्त सचिव आशु चौधरी, ओएसडी कृष्ण शर्मा, एसजी सुनील वर्मा, जेएलआर गजेन्द्र सिंह, अतिरिक्त निदेशक (माइनिंग एवं भूविज्ञान), अधीक्षण खनिज अभियंता, एमई-एएमई, तथा अधीक्षण भू-वैज्ञानिक अधिकारी आदि उपस्थित रहे। बैठक हाइब्रिड मोड में उदयपुर खनिज भवन से आयोजित की गई।