मुंबई
कॉन्फ़डरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कैट द्वारा सीसीआई में अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर की गई शिकायत में सीसीआई ने एंटी-कंपटीशन के आरोपों की जांच की, जिसमें उसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के खिलाफ गड़बड़ियां पाई गई हैं।
अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों को आने वाले दिनों में भारत में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ई-कॉमर्स सेक्टर में दबदबा रखने वाली इन कंपनियों पर आरोप लगता आया है कि ये सेलर्स के साथ सांठ-गांठ कर प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर रही हैं। अब खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक ये आरोप सही पाए गए हैं और नियामक को जांच में गड़बड़ियों के सबूत मिले हैं। एक मीडिया हाउस की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को जांच में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों व मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के खिलाफ गड़बड़ियां पाई गई हैं। दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों की मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के साथ सांठ-गांठ पाई गई है। बताया जा रहा है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी एसोसिएट कंपनियों के बिजनेस के फैसले खुद ले रही थीं।
अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ पहले से कंपटीशन को खत्म करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने के आरोप लगते आए हैं। इससे पहले फरवरी में कैट ने प्रतिस्पर्धा नियामक सीसीआई को पत्र लिखकर अमेजन और फ्लिपकार्ट की शिकायत की थी। कैट ने सीसीआई से मांग की थी कि वह अमेजन और फ्लिपकार्ट पर एंटी-कंपटीशन प्रैक्टिसेज अपनाने के लग रहे आरोपों की जांच करे। कैट का आरोप लगाया था कि दोनों प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वारा 25 हजार करोड़ की गड़बड़ियां की जा रही हैं, जिनसे खुदरा कारोबारियों और छोटे दुकानदारों की आजीविका प्रभावित हो रही है। सीसीआई की जांच में गड़बड़ियां मिलने की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कैट के साथ जुड़े हुए संगठन ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन ने खुशी जाहिर की है। एसोसिएशन ने कहा कि भारत में ई- कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ मिलकर श्याओमी, पोको, वनप्लस, रियलमी, मोटोरोला, सैमसंग, वीवो आदि के द्वारा सांठ-गांठ करने के खिलाफ सीसीआई के एक्शन की खबर से उसे खुशी हुई है। एसोसिएशन ने सांठ-गांठ में संलिप्त सभी कंपनियों के ऊपर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
दरअसल ऐसा ट्रेंड बन गया है कि मोबाइल कंपनियां ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ एक्सक्लुसिव डील कर रही हैं। नए-नए मोबाइल फोन किसी खास ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ही बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे खुदरा कारोबारियों और ऑफलाइन स्टोर चलाने वालों में नाराजगी देखी जा रही थी। उनका आरोप था कि यह कदम बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को समाप्त करने वाला है। शंकर ठक्कर ने सीसीआई द्वारा द्वारा की गई जांच का स्वागत करते हुए कहा भारत के कानून को ताक पर रखकर व्यापार करने वाली कंपनियों को पर सिर्फ दंडात्मक कार्यवाही ना कर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिससे दोबारा इस तरह की साजिश और कोई बड़ी कंपनी ना कर सके और भारत का व्यापार सुचारू रूप से चले।