- रायला
रायला लांबिया कला के चेची खेड़ा में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन छप्पन भोग की झांकी सजाई गई तथा राधा कृष्णा व गोपियां के द्वारा रासलीला की गई थी तथा श्रीमद् भागवत कथा में भक्तों ने खूब आनंद लिया था।
इसी बीच भगवान श्री कृष्ण यमुना नदी के जहरीले पानी होने के प्रभाव को रोकने के लिए जब भगवान श्री कृष्ण गायों और बछड़ों को लेकर यमुना नदी के तट पर चुराने ले गए थे । तब भगवान ने अपने सखाउ के साथ खेल खेलने लगे थे । इसी दौरान खेल खेल में श्री कृष्ण भगवान ने गेंद को यमुना नदी में फेंक दिया था । इस दौरान सभी सखाओं के द्वारा तथा श्रीदामा द्वारा भगवान कृष्ण को ताना देते हुए कहां की हमारी ‘गेंद लेकर आओ’ हमारी गेंद लेकर आओ , भगवान श्री कृष्ण कदम की डाल पर चढ़कर यमुना नदी में कूद गए तथा श्रीदामा दौड़कर घर जाकर मैया यशोदा को , नंद बाबा को ,बलदाऊ को कहा कि लल्ला तो यमुना नदी काली देह में कूद गया तथा वहीं ग्वालबाल रो रहे हैं ।
कह रहे कन्हैया आजा कन्हैया आजा, वही नन्द बाबा ओर जसोदा भी नदी में कूदने लगे तो बलदाऊ ने रोका , मैया तू कुछ मत कर , लेला को कुछ नही होगा , उधर कन्हैया कालिया नाग के पास पहुचा तो नाग की पत्नियां ने कहा बच्चा तू कोन है यहाँ क्यों आया तो कन्हैया कहा मेरी गेंद गुम हो गई है । जिस लेने आया हु इसी बीच कालिया नाग जग जाता है और भगवान तथा नाग के बीच युद्ध होते है । भगवान तो कालिया नाग पर नाचते हुए यमुना नदी से बाहर निकालते हुए समुंदर में भेज देते हैं ।
वही श्री कृष्ण भगवान को 56 भोग का भोग लगाते हैं ‘आओ आओ सांवरिया बेगा आओ जीमो जी भोग लगाओ है छप्पन भोग तैयार जी थारा टाबरिया करे मननेवार जी’
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