टुंडी के डायरियां प्रभावित गांव नारंगडीह एवं बंगारो का सिविल सर्जन द्वारा दौरा बदतर स्थिति देख हुए नाराज
- टुंडी
वैसे तो यह कथन अतिशयोक्ति नहीं होगी कि घटना के बाद ही सरकारी महकमा रेस होती है।
घटनाक्रम के बाद भी आला अधिकारियों का दौरा होना यह नई बात नहीं यह प्रथा पूर्वजों से चली आ रही है घटना दक्षिणी टुंडी के नारंगडीह और बंगारों की है जहां डायरियां ने बिकराल रूप धारण कर लिया है और धनबाद सिविल सर्जन दौरा करते हैं तीन दिनों के बाद घटनास्थल पर पहुंचने पर स्थिति देख उनका माथा ठनक जाता है गांव में कचड़े का अंबार दूषित पानी समेत कई समस्याओं ने गांव को अपने आगोश में जकड़ लिया है। सरकारी महकमों की और घटना घटने के बाद मरीजों को ओ आर एस का घोल, ब्लीचिंग पाउडर, और मरीजों को स्लाईन तब शुरू होता है जब एक दो मरीज़ भगवान के प्यारे हो जातें हैं।
फिलहाल सिविल सर्जन डॉ चन्द्रभानू प्रतापपपन ने अपनी कर्तव्यों का पालन करते हुए गांवों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मिले और जो आजकल चल रहा है उसी के अनुरूप दिशा निर्देश जारी किया इतनी बड़ी घटना पर किसी अधिकारी या कर्मचारियों को शौकोच जारी करना मुनासिब नहीं समझा फिलहाल उन्होंने गांवों में ब्लीचिंग पाउडर और गांव की साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान देने की बातें करते हुए धनबाद लौट गए। उनके दौरे के क्रम में डब्लू एच ओ के एम ओ डाक्टर अमित तिवारी भी साथ थे। साथ ही टुंडी के चिकित्सक डॉ अभिषेक मुखर्जी, डॉ विजय बर्मा, स्वास्थ्य साथी चंद्रिका देवी, स्वास्थ्य सहिया भवानी देवी समेत कई कर्मचारी उपस्थित थे।