आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक बाली में मातृ सम्मेलन संपन्न
बालक के सर्वांगीण विकास में पंचकोशों का महत्व है-जोशी
बालक के बालक के सर्वांगीण विकास में मां का महत्व जोशी विद्या भारती आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक बाली में मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती व भारत माता के समक्ष प्रांत मंत्री मोहनलाल जोशी, सुरेश कुमार मालवीय, मुख्य अतिथि सेवानिवृत्ति प्रधानाचार्य सीमा जैन, समिति अध्यक्ष मदनसिंह सोलंकी, डॉक्टर योगिता बांठिया द्वारा पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलित कर किया गया।
मुख्यवक्ता मोहनलाल जोशी ने बताया की सृष्टि की श्रेष्ठ कृति मां है उसी के आंचल की छाया में बालक का सर्वांगीण विकास होता है तथा मां ही प्रथम गुरु है साथ ही कहा कि जीवन में अन्नमय कोश, प्राणमय कोश, मनोमय कोश, विज्ञानमय कोश, आनंदमय कोश आदि पंचकोशो का विकास होना जरूरी है इसके लिए मुख्य बिन्दुओं की ओर ध्यान केंद्रित किया तथा परिवार में भारतीय परिधान व स्वदेशी वस्तुओ का आग्रह भी किया।
- मुख्य अतिथि सीमा जैन ने कहा कि बालको को घर के काम करने हेतु प्रेरित करना, बोध कथा कहना, नियमित स्वाध्याय और नेतृत्व क्षमता का विकास करना चाहिए।
प्रधानाचार्य मनोहर रावल ने सभी माताओं से अपेक्षित सुझाव लिए और सभी मातृ शक्ति ने विद्यालय द्वारा आयोजित रस्सा कस्सी, 100 मीटर दौड़, म्यूजिकल चेयर आदि प्रतियोगिता में सभी ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया एवम विजेता मातृशक्ति को पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य मनोहर रावल, जिला संपर्क प्रमुख चंद्रशेखर मुनोयत, मातृ भारती प्रतिनिधि नारंगी, सोहनलाल, बाबूसिंह राजपुरोहित, विनोद कुमार, सुरेंद्र सिंह, रमेश चौधरी, पुष्पेंद्र सिंह, भंवरलाल, अशोक कुमार, दीपिका परिहार, दीपिका गोस्वामी, कांता राजपुरोहित, भाग्यवती चारण, राखी कंवर, चित्रा नागर, निधि राजपुरोहित सहित 246 माताएं बहिन उपस्थित रही कार्यक्रम का संचालन ममता सीरवी ने किया।