जैन धर्म के ज्वलंत विवाद सुलझाने में भंसाली की कोशिश को सराहा राष्ट्रसंत ने
राष्ट्रसंत आचार्य चंद्रानन सागर सूरीश्वर महाराज ने जैन धर्म की विभिन्न धाराओं को एक करने के प्रयत्नों में बाबूलाल भंसाली के योगदान की सराहना करते हुए कहा है कि है वे एक ऐसा काम कर रहे है, जो वर्तमान समय में जैन धर्म और समाज की सबसे बड़ी जरूरत है।
मुंबई। चंद्रानन सागर ने हाड़ेचा निवासी भंसाली के सामाजिक योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे लंबे समय से एक तिथि – दो तिथि की एकता के लिए प्रयत्नशील रहे हैं तथा सर्वसम्मति से सबको मिलकर जैन धर्म के इस ज्वलंत विवाद को सुलझाने के लिए आगे आना चाहिए।
आचार्य चंद्रानन सागर आज जुहू पहुंचे थे, जहां भंसाली सहित वरिष्ठ समाजसेवी विनोदभाई जवेरी, राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार, उद्योगपति प्रकाश कानूनगो, वित्त विशेषज्ञ भरतकुमार सोलंकी एवं सांचोरपट्टी के कई समाजसेवी तथा वरिष्ठजन भी उनसे मिले एवं विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि जैन धर्म की मान्यताओं में एक तिथि – दो तिथि विवाद से दो धाराएं बन जाने के कारण पर्युषण एवं संवत्सरी सहित महावीर जयंति जैसे प्रमुख उत्सव भी दो अलग अलग दिनों में मनाए जाते हैं।
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जाने माने उद्योगपति बाबूलाल भंसाली सामाजिक एकीकरण एवं धार्मिक सामंजस्य की सार्थकता के लिए अब तक करीब 250 जैन धर्म के आचार्यों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर निवेदन कर चुके हैं।
उनके समाजसेवी एकता सम्बन्धी प्रयत्नों की सराहना करते हुए राष्ट्रसंत आचार्य चंद्रानन सागर सूरीश्वर महाराज ने कहा है कि भंसाली की कोशिशों को जितना सराहा जाए, कम है। क्योंकि जिनशासन की एकता के लिए विवादों को समाप्त करने का उचित समाधान अत्याआवश्यक है, वरना भावी पीढी हमें कभी माफ नहीं करेगी।
भंसाली कई पूज्य गच्छाधिपतियों, आचार्य भगवंतों एवम जैन समाज के अनेक श्रेष्ठीवर्यो से अब तक मिले हैं, तथा सभी उपरोक्त्त परिस्थिति की भयावहता को स्वीकार करते हुए चाहते है कि एक तिथि – दो तिथि विवाद का समाधान होना चाहिए। राष्ट्रसंत आचार्य चंद्रानन सागर ने कहा है कि उनका भी मानना है कि इस तिथि विवाद का जैन धर्म के आचार्यों सहुत समाज के अग्रणी लोग सर्वमान्य समाधान तय करे। उन्होंने कहा है कि सबको एकजुट होकर सच्चे दिल से बाबूलाल भंसाली के एक तिथि – दो तिथि की एकता के इस प्रयास में सहायक बनना होगा, तभी इस विषय पर कोई सर्वानुमति बनेगी।
जैन धर्म के इस विवाद में सामंजस्य के लिए प्रयत्नशील भंसाली ने कहा है कि एक तिथि – दो तिथि के सभी श्रमण भगवंतों का सम्मेलन अहमदाबाद अथवा अन्य किसी सुविधाजनक स्थल पर आयोजित करने का वे प्रयत्न कर रहे हैं।
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उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 250 गच्छाधिपतियों एवं आचार्य भगवंतों की मुलाकात करके एकमत होने के विषय पर चर्चा कर चुके हैं। भंसाली ने सभीगच्छाधिपतियों एवम् आचार्य भगवंतों से उनका मार्गदर्शन प्राप्त करके इस विवाद को सुलझाने में सब के सहयोग की आवश्यकता बताई है।
उन्होंने सभी सुमदायों के प्रमुख श्रेष्ठीवर्यो से निवेदन किया है कि वे अपने अपने समुदाय के गच्छाधिपति एवम् आचार्य भगवंतों से सम्पर्क करके उन्हें इस ज्वलंत समस्या के उचित समाधान हेतु सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर चिंतन के लिए निवेदन करें। उन्होंने जैन धर्म के एक तिथि-दो तिथि विवाद के समाधान हेतु लोगों से अपने सुझाव भेजने एवं मार्गदर्शन व सहयोग की भी अपील की है।
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