गोस्वामी तुलसीदास का साहित्य जगत में विशिष्ट स्थान – माली
- सादड़ी
भक्ति काल की सगुण भक्ति धारा की रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि गोस्वामी तुलसीदास का व्यक्तित्व व कृतित्व दोनों ही साहित्य जगत में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं।
उनकी रचनाएं रामचरितमानस,जानकी मंगल, पार्वती मंगल,गीतावली, कवितावली,विनय पत्रिका,बरवै रामायण आदि कालजयी है। उक्त उद्गार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय पीएम श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी में अखिल भारतीय साहित्य परिषद सादड़ी द्वारा गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी में व्यक्त किए। माली ने कहा कि उनका अनुभूति पक्ष जितना प्रबल है अभिव्यक्ति पक्ष भी उतना ही सक्षम है। तुलसीदास जी की रचनाएं जन-जन के ह्रदय तक पहुंच कर उनकी आवाज बनी। युगदृष्टा तुलसी दास का काव्य लोक-मंगलकारी है।
गोष्ठी में मधु गोस्वामी ने कहा कि तुलसी दास का स्थान भकतिकालीन भक्त कवियों की गणना में सर्वोपरि है।इस अवसर पर स्नेहलता गोस्वामी, कविता कंवर, मनीषा ओझा ने भी विचार व्यक्त किए। कन्हैयालाल ने अखिल भारतीय साहित्य परिषद की जानकारी दी।इससे पहले सरस्वती पालीवाल व मनीषा सोलंकी के निर्देशन में निबंध व चार्ट निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । रमेश सिंह राजपुरोहित व रमेश कुमार वछेटा ने निर्णायक की भूमिका निभाई। जिसमें प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने पारितोषिक देकर सम्मानित किया। मंच संचालन प्रकाश कुमार शिशोदिया ने किया।इस अवसर पर महावीर प्रसाद वीरमराम चौधरी व गजेंद्र सिंह समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। उल्लेखनीय है कि श्रावण शुक्ल सप्तमी को गोस्वामी तुलसीदास जयंती मनाई जाती है।
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