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देसूरी न्यायालय में अफीम तस्कर की अपील खारिज

अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश देसूरी 
ललीत डाबी ने अफीम तस्कर बालसिंह 
पुत्र हमीर सिंह निवासी खुडी पुलिस थाना 
सम जिला जैसलमेर द्वारा प्रस्तुत अपील को 
खारिज कर दिनांक 30/8/2013 को पारित 
न्यायिक मजिस्ट्रेट देसूरी के निर्णय की पुष्टि 
की गई है।

अपर लोक अभियोजक देसूरी बाबु लाल माली ने बताया कि अपील के संक्षिप्त तथ्य इस प्रकार है कि दिनांक 11/12/1983 को पुलिस थानाधिकारी देसूरी रामनारायण शर्मा ने दोराने गश्त व नाकाबंदी रोटेलाव चौराहे पर बांसवाड़ा की ओर से आने वाली बस रुकवा कर तलाशी ली गई जिसमें बालसिंह नामक व्यक्ति ने अपने पैरो के नीचे एक बैग दबा कर रखा था मौतबिरान के समक्ष उस बैग को खोलकर देखा गया तो बैग में काला गीला पदार्थ पाया गया उस पदार्थ को पुलिस व मौतबिरान द्वारा सुंघे वह चखे जाने पर वह पदार्थ अफीम पाया गया जो कुल वज़न में 14 किलो 750 ग्राम पाया गया जिस पर अभियुक्त बालसिंह को गिरफतार कर उसके विरुद्ध धारा 4/9 अफीम अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया एवं अपराध प्रमाणित पाये जाने पर अभियुक्त बालसिंह के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया गया जिस पर बाद विचारण एवं बहस अन्तिम सुनी जाकर न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट देसूरी द्वारा दिनांक 18/3/2004 को अभियुक्त बालसिंह को दोषसिद्ध घोषित कर परीवीक्षा का लाभ दिया गया। जिसके विरुद्ध राज्य द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध अपर सेशन न्यायालय बाली में अपील पेश की गई जो स्वीकार कर उक्त अधिनस्थ न्यायालय द्वारा पारित अभियुक्त को परीवीक्षा का लाभ दिये जाने बाबत आदेश अपास्त करते हुए मामला पुनः प्रति प्रेषित किया गया। जिसके विरुद्ध अभियुक्त द्वारा माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय में आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पेश की गई जिसको माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 16/4/2013 को अस्वीकार करते हुए अपीलीय न्यायालय की पुष्टि की गई जिस पर मामला पुनः अधिनस्थ न्यायालय में सुनवाई हेतु प्रस्तुत हुआ एवं दिनांक 30/8/2013 को अधिनस्थ न्यायालय द्वारा अभियुक्त को एक वर्ष के कठोर कारावास एवं 500 पांच सौ रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई। उक्त निर्णय के विरुद्ध अपर जिला एवं सेशन में अभियुक्त बालसिंह द्वारा यह अपील प्रस्तुत की गई है जिसको अपर जिला एवं सेशन न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनी जाकर अभियुक्त बालसिंह की अपील अस्वीकार की गई एवं दिनांक 308/2013 को न्यायिक मजिस्ट्रेट देसूरी द्वारा पारित निर्णय की पुष्टि की गई। एवं सजा वारंट तैयार करने हेतु आदेश पारित किया गया।

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