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देवासी समाज के पंचो को नहीं मिली न्यायालय से राहत, पुनरीक्षण याचिका ख़ारिज

बाली

जातीय पंचों को नहीं मिली अपीलीय न्यायालय से राहत देवासी समाज के पंचों के विरुद्ध अधीनस्थ न्यायालय के द्वारा लिए प्रसंज्ञान को सही मानते हुए देवासी समाज़ पंचों की पुनरीक्षण याचिका को ख़ारिज कर निरस्त किया।

पीड़िता सीता निवासी वेलार ने अपने अधिवक्ता संदीप शर्मा बाली के मार्फ़त न्यायालय को  बताया कि सीता पत्नी देवाराम निवासी वेलार की पुत्री के साथ ज़बरदस्ती विवाह करने को लेकर पंचों ने दबाव डाला और विवाह न करवाने को लेकर 10 लाख का दंड देते हुए जाति से बहिष्कृत किया व उसके परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया।

पीड़िता सीता अपने अधिवक्ता संदीप शर्मा के ज़रिए न्यायालय में परिवाद अंतर्गत धारा 384,120 B भारतीय दंड सहिता में तहत 156(3) दंड प्रक्रिया सहिता से प्रकरण पुलिस थाना नाना में धनाराम पुत्र भीखाराम व तेजाराम पुत्र धनाराम,भलाराम पुत्र देवाराम भेराराम पुत्र रगुनाथ थानाराम पुत्र समर्थाराम धीरा पुत्र वक्ताराम केशाराम पुत्र लखाराम निवासी वेलार व अन्य के विरुद्ध दर्ज करवाया था.

उक्त प्रकरण में सीता को झूठा मानते हुए इस प्रकरण को अदम वकु झूठ पेश किया जिस पर भी अधिवक्ता संदीप शर्मा के ज़रिए न्यायालय में पेश होकर बयान धारा 200,202 दंड प्रक्रिया सहिता में लेखबद्ध करवाए जिस पर देवासी समाज के आठ पंचों के विरुद्ध न्यायालय ने संज्ञान लिया और न्यायालय में तलब किया।

उक्त पंचों के द्वारा अपर सेशन न्यायालय बाली में उक्त आदेश के विरुद्ध रिवीज़न पुनरीक्षण याचिका पेश की जिसे न्यायालय द्वारा दिनांक 2नवम्बर 2023 आदेश पारित करते हुए पुनरीक्षण याचिका रद्द कीं जिससे देवासी समाज के पंचों को राहत नहीं मिल पाई है.

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