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ढाई दशक पूर्व अरावली परियोजना के तहत लगाए पेड़ अब बजरी खनन की भेंट चढ़ रहे हैं

रिया बड़ी उपखंड क्षेत्र के आलनियावास बिजाथल सूरजगढ़ लूगिंया सहित लूनी नदी के आसपास सरकारी जमीनों पर अवैध बजरी खनन का कार्य तेजी से चल रहा है।

उप सरपंच उमराव अली ने बताया कि ढाई दशक पूर्व वन विभाग की ओर से अरावली परियोजना के तहत 100 हेक्टर जमीन पर हजारों पौधे तैयार किया लेकिन आज अवैध बजरी खनन के कारण सरकारी जमीनों पर बड़े-बड़े पेड़ खनन की भेंट चढ़ रहे हैं। शिकायतों के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। किसान परसाराम ने बताया कि अवैध बजरी खनन के कारण पशुपालक भी परेशान है। सरकारी जमीनो पर बजरी खनन के कारण गहरे खडडो में तब्दील हो गई मवेशियों को चराने के लिए जगह नहीं बची ऐसी स्थिति में पशुपालकों की चिंता भी बढ़ती दिख रही है। हालांकि सरकार की ओर एसआईटी कमेटी जिसमें उपखंड अधिकारी खान विभाग राजस्व परिवहन सहित पुलिस विभाग को जिम्मेदारी सौंपते हुए अवैध बजरी खनन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है। बावजूद इसके इस कमेटी की ओर से ध्यान नहीं दिए जाने के कारण खनन माफिया के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। अवैध बजरी परिवहन होकर गुजरने वाले वाहनों से भी आमजन परेशान है प्रशासन के प्रति लोगों में भारी रोज पनपता जा रहा है.

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