
बाल विवाह के खिलाफ सामाजिक चेतना का संदेश
प्रधानाध्यापिका निकिता रावल के मार्गदर्शन तथा नीलम गोस्वामी, यशवंत राठौर और उर्मिला राजपुरोहित के नेतृत्व में छात्राओं ने भाग लिया और समाज को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया।
रचनात्मक मंचन: वर-वधु का भावनात्मक स्वांग
इस आयोजन की विशेष प्रस्तुति रही विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा मंचित वर-वधु का स्वांग, जिसने बाल विवाह की पीड़ा को सजीव रूप से मंच पर प्रस्तुत किया। वर बना छात्र विद्यालय यूनिफॉर्म में विवाह मंडप में बैठा और वधु बनी छात्रा ने आँखों में मजबूरी और डर को जीवंत कर दिया। यह मंचन इतना भावुक था कि दर्शकों की आँखें नम हो गईं।
विद्यालय प्रशासन की प्रेरणादायक पहल
प्रधानाध्यापिका निकिता रावल ने लूनिया टाइम्स को बताया कि, “बालिकाओं को सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक बनाना हमारी प्राथमिकता है। बाल विवाह जैसी कुरीति को जड़ से मिटाने के लिए हमें बच्चों से लेकर बड़ों तक को शिक्षित और जागरूक करना होगा।”
रैली के नारों ने दिल छू लिया
- छोटी उम्र की शादी रोको, सपनों को पंख दो।
- शिक्षा है हथियार, बाल विवाह है अत्याचार।
- बेटी पढ़ेगी, तभी देश बढ़ेगा।
स्थानीय समाज की सकारात्मक प्रतिक्रिया
रैली को देख कर स्थानीय नागरिकों, अभिभावकों और व्यापारियों ने विद्यालय के प्रयास की प्रशंसा की और इसे समाज सुधार की दिशा में प्रभावशाली कदम बताया।
The Wellington English Academy द्वारा आयोजित यह रैली ना केवल एक सामाजिक जागरूकता अभियान रही, बल्कि छात्रों द्वारा प्रस्तुत स्वांग के माध्यम से भावनात्मक चेतना का संदेश भी समाज तक पहुँचा। निश्चित रूप से इस प्रकार की गतिविधियाँ समाज को बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ एकजुट करती हैं।