राजस्थान बजट 2025: दीया कुमारी की घोषणाएँ, विपक्ष का हंगामा और कटाक्षों की बौछार

राजस्थान बजट 2025: रोजगार, कृषि, ऊर्जा और महिला सशक्तिकरण पर सरकार का बड़ा दांव
राजस्थान बजट 2025: विपक्ष का हंगामा, फोन टैपिंग से लेकर आदिवासी उपेक्षा तक सरकार पर हमले
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने आज, 19 फरवरी 2025 को, राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत किया। इस बजट में राज्य के सभी वर्गों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं, जिनमें रोजगार, कृषि, ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण और हरित विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
रोजगार और शिक्षा: बजट में सवा लाख सरकारी पदों पर भर्ती की घोषणा की गई है, जिससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही, राजस्थान रोजगार नीति 2025 की शुरुआत की जाएगी, जो राज्य में रोजगार सृजन को बढ़ावा देगी। शिक्षा के क्षेत्र में, बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएँ लागू की जाएंगी। इसके अलावा, राज्य में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियाँ और सब्सिडी प्रदान की जाएंगी।
कृषि और किसान कल्याण: किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाकर 9,000 रुपये प्रति वर्ष कर दी गई है। साथ ही, गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 150 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाएगा। राज्य में 50,000 नए कृषि कनेक्शन जारी किए जाएंगे, जिससे सिंचाई सुविधाओं में सुधार होगा। गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से किसानों को ऋण सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
ऊर्जा और हरित विकास: बजट में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली की घोषणा की गई है, जो पहले 100 यूनिट तक थी। ग्रीन बजट के तहत 27,854 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें 10 करोड़ पौधे लगाने और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएँ शामिल हैं। राज्य के सभी सरकारी विभागों और जलदाय विभाग के पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, गोबर गैस प्लांट स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए “लखपति दीदी” योजना शुरू की जाएगी, जिसके तहत महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही, महिला सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। राज्य में महिला उद्यमियों को विशेष सब्सिडी और कर छूट प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक स्थापित कर सकें।
धार्मिक और सांस्कृतिक विकास: राज्य के धार्मिक स्थलों के विकास के लिए 975 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। क्लीन एंड ग्रीन सिटी योजना के तहत एक दर्जन से अधिक धार्मिक शहरों को हरित और स्वच्छ बनाने के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ:
अग्निवीरों के लिए आरक्षण: राज्य पुलिस बल में अग्निवीरों को विशेष आरक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे सेना से सेवानिवृत्ति के बाद राज्य सेवा में योगदान दे सकें।
नागरिक सुरक्षा अधिनियम का कार्यान्वयन: राज्य में नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नागरिक सुरक्षा अधिनियम लागू किया जाएगा, जिससे आपात स्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सके।
सड़क और बुनियादी ढांचा विकास: राज्य में 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा, जिससे परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
इस बजट के माध्यम से राजस्थान सरकार ने राज्य के समग्र विकास, सामाजिक कल्याण और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। वित्त मंत्री दीया कुमारी ने अपने भाषण में कहा कि यह बजट राज्य को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विपक्ष का हंगामा और वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया
राजस्थान विधानसभा में उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी द्वारा प्रस्तुत बजट पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त की हैं। बजट सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार की आलोचना की और बजट को जनविरोधी करार दिया।
बजट भाषण के दौरान, जब दीया कुमारी युवाओं के लिए रोजगार योजनाओं की घोषणा कर रही थीं, तब विपक्षी सदस्यों ने बीच में टोका-टिप्पणी शुरू कर दी। इस पर वित्त मंत्री ने विपक्ष की ओर देखते हुए कहा, “कम से कम इस पर तो ताली बजा देते, युवाओं का मामला है।” उनकी इस टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाकर समर्थन व्यक्त किया।
फोन टैपिंग मुद्दे पर विवाद: बजट सत्र से पहले, विपक्ष ने फोन टैपिंग मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा और इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें सरकार ने 20 फरवरी को प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे पर जवाब देने की पेशकश की। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने स्पष्ट किया कि जब तक विधानसभा अध्यक्ष इस संबंध में स्पष्ट व्यवस्था नहीं देते, तब तक विपक्ष अपना विरोध जारी रखेगा।
आदिवासी क्षेत्रों की उपेक्षा का आरोप: बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत ने बजट में आदिवासी क्षेत्रों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि बजट में आदिवासी क्षेत्रों के लिए उचित प्रावधान नहीं किए गए, तो उनकी पार्टी बड़ा आंदोलन करेगी। साथ ही, उन्होंने जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी पर आदिवासी क्षेत्रों को 25 साल पीछे धकेलने का आरोप लगाया।
विपक्ष की अन्य आलोचनाएँ: विपक्ष ने बजट को जनविरोधी बताते हुए कहा कि इसमें आम जनता के हितों की अनदेखी की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने केवल घोषणाएँ की हैं, लेकिन उनके क्रियान्वयन के लिए ठोस योजना का अभाव है। साथ ही, विपक्ष ने बजट में किसानों, मजदूरों और गरीब वर्ग के लिए पर्याप्त प्रावधान न होने की आलोचना की है।
कुल मिलाकर, राजस्थान के इस बजट पर विपक्ष ने कई मोर्चों पर सरकार को घेरने की कोशिश की है, जिसमें फोन टैपिंग, आदिवासी क्षेत्रों की उपेक्षा और जनहित के मुद्दों की अनदेखी प्रमुख हैं। आगामी दिनों में इन मुद्दों पर राजनीतिक माहौल और गरमाने की संभावना है।
आपणो अग्रणी राजस्थान के संकल्प को सिद्ध करेगा वर्ष 2025—26 का राज्य बजट— स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गई हैं अभूतपूर्व घोषणाएं— साकार होगी आयुष्मान राजस्थान की परिकल्पना : चिकित्सा मंत्री
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा है कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के कुशल नेतृत्व एवं दूरदर्शी विजन के साथ पेश किया गया प्रदेश का वित्तीय वर्ष 2025—26 का बजट ‘आपणो अग्रणी राजस्थान’ के संकल्प को सिद्धि प्रदान करेगा। हर क्षेत्र एवं हर वर्ग के विकास को समर्पित यह बजट हम सबकी उम्मीदों और आशाओं को फलीभूत करने वाला है। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गई अभूतपूर्व बजट घोषणाओं से आयुष्मान राजस्थान का संकल्प सच्चे अर्थों में साकार होगा।
खींवसर ने कहा कि आमजन को नि:शुल्क दवा एवं जांच की उपलब्धता के लिए 3500 करोड़ रूपए के मा—कोष का गठन, टर्शियरी स्तर की स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन के लिए 1300 करोड़ रूपए का प्रावधान, 50 करोड़ की राशि से फिट राजस्थान अभियान का संचालन, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत दूसरे राज्यों में उपचार के लिए इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू करने, हर जिला अस्पताल में डायबिटिक क्लीनिक खोलने तथा चिकित्सकों के 750 एवं पैरामेडिकल के 1500 नवीन पदों का सृजन करने जैसी घोषणाओं से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी। स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन से आमजन को गुणवत्तापूर्ण उपचार सेवाएं मिल सकेंगी और हम निरामय राजस्थान की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ सकेंगे
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बजट में जल जीवन मिशन (शहरी) प्रांरभ करने, आगमी वर्ष में 1 लाख 25 हजार पदों पर भर्ती करने, राजस्थान रोजगार नीति लाने, गर्भवती महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण किट योजना लाने, राजस्थान नागरिक सुरक्षा अधिनियम बनाने, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 10 गीगावॉट उत्पादन करने, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10—10 करोड़ की लागत से नॉन पैचेबल सड़कों के कार्य करवाने, 50 हजार नए कृषि कनेक्शन देने जैसी महत्वपूर्ण घोषणाएं गांव, गरीब, किसान, युवा एवं महिला उत्थान की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि यह बजट विकसित राजस्थान और विकसित भारत की परिकल्पना को यथार्थ रूप देने की कड़ी में एक सशक्त कदम है।
विकसित राजस्थान और विकसित भारत के संकल्प को मूर्तरूप देने वाला ऐतिहासिक बजट —सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने राज्य सरकार के बजट-2025 पर प्रतिक्रया देते हुए इसे विकासोन्मुखी और समावेशी विकास का आधार बताते हुए ऐतिहासिक बजट बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकसित भारत-2047 की परिकल्पना को मूर्तरूप देने की दिशा में यह बजट बड़ा कदम साबित होगा।
गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में वित्त मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी द्वारा प्रस्तुत बजट में अल्प आय वर्ग के बुजुर्ग व्यक्तियों, विधवाओं, एकल नारियों, दिव्यांग व्यक्तियों तथा लघु एवं सीमान्त कृषकों को देय पेंशन को बढ़ाकर एक हजार 250 रुपये प्रतिमाह किए जाने का स्वागत किया। उन्होने स्वयंसिद्धा आश्रमों का दायरा बढ़ाकर 10 जिलों में 50 बेड क्षमता के आश्रम विकसित करने, एक लाख दिव्यांगजनों को 20 हजार रुपये तक के कृत्रिम अंग और उपकरणों के लिए 150 करोड़ रुपये का व्यय करने, विमुक्त, घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों के लिए दादूदयाल घुमन्तू सशक्तीकरण योजना’ को भी समाज के लिए अभूतपूर्व योजना बताया।
गहलोत ने राजकीय, अनुदानित, निजी जनसहभागिता योजनान्तर्गत वंचित वर्गों, महिलाओं, बुजुर्गों एवं दिव्यांगों के लिए संचालित आवासीय संस्थानों का मैस भत्ता बढ़ाकर 3 हजार 250 (तीन हजार दो सौ पचास) रुपये प्रति आवासी प्रतिमाह करने का भी स्वागत किया।
गहलोत ने कहा कि बजट में सामाजिक न्याय, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी, उद्योग, कृषि, आधारभूत ढांचे, पर्यटन सहित सभी क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं, जो न केवल प्रदेश के विकास को गति देंगी, बल्कि विकसित राजस्थान के हमारे संकल्प को भी साकार करेंगी। उन्होंने कहा कि विरासत और विकास के बेहतर समन्वय की सोच के साथ लाया गया यह बजट जन उम्मीदों को पूरा करने वाला है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए पेश किए गए इस बजट से राजस्थान विकसित राज्य की श्रेणी में अग्रसर होगा। राज्य सरकार का बजट अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला है।
राजस्थान सरकार का बजट सराहनीय रायसिंहनगर, विजयनगर, अनूपगढ़ क्षेत्र में 200 करोड़ के पक्के खाले बनेंगे प्रत्येक वर्ग का ख्याल रखा गयाः निहालचंद
