Breaking NewsNews

कश्मीर हमले के विरोध में भाजपा मंडल रानी ने किया विरोध प्रदर्शन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पुतला जलाया


  • क्या है पूरा घटनाक्रम: पहलगाम आतंकी हमला (22 अप्रैल 2025)


  • संवाददाता: भरत जीनगर, रानी स्टेशन
भरत जीनगर
रिपोर्टर

भरत जीनगर,  संवाददाता - रानी स्टेशन
callwebsite

रानी।  राजस्थान के रानी कस्बे में भारतीय जनता पार्टी मंडल रानी ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए हिंदू श्रद्धालुओं के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। यह हमला 22 अप्रैल को हुआ था, जिसमें संदिग्ध आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों पर गोलियां चलाईं, जिससे कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस हमले को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी में एक और कृत्य माना जा रहा है।

इस नृशंस घटना के विरोध में मंगलवार को भाजपा मंडल अध्यक्ष जयंतीलाल वैष्णव एवं नगरपालिका उपाध्यक्ष डालचंद चौहान के नेतृत्व में रानी के लाल चौक, प्रताप बाजार में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पुतला जलाकर आक्रोश जताया गया। इस अवसर पर पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और कश्मीर में हो रही आतंकी घटनाओं की तीव्र निंदा की गई।

क्या है पूरा घटनाक्रम: पहलगाम आतंकी हमला (22 अप्रैल 2025)

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें कम से कम 28 लोगों की जान गई और 20 से अधिक घायल हुए। यह हमला हाल के वर्षों में नागरिकों पर सबसे घातक माना जा रहा है।

हमला कैसे हुआ?
दोपहर लगभग 2:50 बजे, चार से छह आतंकवादी सैन्य वर्दी में पास के जंगलों से निकलकर पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने पहले खुद को पुलिसकर्मी बताया, फिर पर्यटकों से नाम पूछे और अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। कुछ रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि हमलावरों ने पीड़ितों से कलमा पढ़ने को कहा और मुसलमानों की पहचान के लिए खतना की जांच की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह हमला विशेष रूप से गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाकर किया गया।

पीड़ित कौन थे?
इस हमले में मारे गए 28 लोगों में 24 भारतीय पर्यटक, दो स्थानीय निवासी और दो विदेशी नागरिक शामिल थे। घायलों में गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के लोग भी शामिल हैं। मृतकों में एक भारतीय नौसेना अधिकारी और एक खुफिया ब्यूरो अधिकारी भी शामिल थे।

जिम्मेदारी और उद्देश्य
हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) नामक आतंकी संगठन ने ली है, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। TRF ने इसे कश्मीर में बाहरी लोगों को बसाने की नीति के खिलाफ एक “प्रतिक्रिया” बताया है।

सरकारी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और विदेश दौरा बीच में छोड़कर स्वदेश लौटे। गृहमंत्री अमित शाह ने श्रीनगर जाकर स्थिति की समीक्षा की। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों ने इस हमले की निंदा की है।

सुरक्षा और राहत उपाय
घटना के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू किया और क्षेत्र में अस्थायी लॉकडाउन लागू किया गया। घायलों को उपचार के लिए अस्पतालों में भर्ती करवाया गया और पर्यटकों की सहायता के लिए हेल्पलाइन शुरू की गई।

यह आतंकी हमला न सिर्फ कश्मीर की शांति के लिए खतरा है, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा और एकता के खिलाफ साजिश है। इस घटना ने देशभर में आक्रोश और दुख की लहर दौड़ा दी है।

देश के विभिन्न हिस्सों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस घटना को मानवता के खिलाफ अपराध बताते हुए केंद्र सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि पाकिस्तान लगातार भारत की शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास कर रहा है, और अब समय आ गया है कि उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब किया जाए।

इस विरोध प्रदर्शन में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रमुख रूप से उपस्थित लोगों में मंडल महामंत्री भरत जीनगर, युवा मोर्चा अध्यक्ष चेतन सुथार, एससी मोर्चा अध्यक्ष सवाराम मेघवाल, हरीश माली, विक्रम सोलंकी, पार्षद जोधाराम कुमावत, पार्षद पद्म सिंह राठौड़, इंद्र सिंह राजपुरोहित, अशोक अरोड़ा, गोविंदलाल परमार, आशीष जांगिड़, मोंटू सोलंकी, पवन मेवाड़ा, गोपीचंद माली, डायाराम चौधरी, रोहित वैष्णव, सुमेरमल सेमलानी, बाबूलाल भाट, भरत बोराणा, सतपाल सिंह सेबी, सरदार सन्नी, अशोक माली, नारायणलाल अग्रवाल, तेजाराम प्रताप माली, गुलाब कुमावत, राजेंद्र सिंह पटवारी, रामलाल प्रजापत आदि मौजूद रहे।

समूचे रानी कस्बे में इस हमले के प्रति गहरा आक्रोश देखा गया, और लोगों ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
17:51