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मकर संक्रांति: तिल और गुड़ का महत्व और इसके स्वास्थ्य लाभ

भारत में मकर संक्रांति का पर्व बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हर साल 14 या 15 जनवरी को आता है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन को सूर्य के उत्तरायण होने की शुरुआत माना जाता है। मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का सेवन और दान करना विशेष रूप से शुभ माना गया है। यह परंपरा धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व

मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन तिल और गुड़ से बनी मिठाइयों का दान करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

तिल का धार्मिक और स्वास्थ्य महत्व

1. धार्मिक दृष्टिकोण से तिल का महत्व

तिल को पवित्रता का प्रतीक माना गया है। पूजा-पाठ में तिल का उपयोग शुभ फलदायक माना जाता है। तिल का दान करने से पितृ दोष समाप्त होता है और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।

2. स्वास्थ्य के लिए तिल के फायदे

ऊर्जा का स्रोत: तिल में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर को ताकत देता है।

त्वचा और बालों के लिए लाभकारी: तिल का तेल त्वचा को नमी देता है और बालों को मजबूत बनाता है।

हृदय के लिए फायदेमंद: तिल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

सर्दी में असरदार: तिल का सेवन शरीर को अंदर से गर्म रखता है और ठंड से बचाव करता है।

गुड़ का महत्व और फायदे

1. धार्मिक दृष्टि से महत्व

गुड़ मिठास का प्रतीक है और इसे शुभ कार्यों में उपयोग किया जाता है। मकर संक्रांति पर गुड़ का दान करना शुभ माना जाता है, जिससे जीवन में सकारात्मकता आती है।

2. स्वास्थ्य के लिए गुड़ के लाभ

पाचन तंत्र मजबूत करता है: गुड़ गैस, एसिडिटी और अपच को दूर करने में सहायक है।

शरीर को डिटॉक्स करता है: यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है।

खून बढ़ाता है: आयरन से भरपूर गुड़ एनीमिया की समस्या को दूर करता है।

शरीर को गर्म रखता है: सर्दियों में गुड़ का सेवन शरीर को गर्मी प्रदान करता है।

तिल और गुड़ का मेल: पोषण और परंपरा का संगम

मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ से बनी मिठाइयां, जैसे तिल के लड्डू और गजक, विशेष रूप से खाई जाती हैं। यह दोनों सामग्री न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी हैं। तिल और गुड़ का मेल शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है और ठंड के मौसम में ऊर्जा बनाए रखता है।

मकर संक्रांति में दान का महत्व

शास्त्रों में कहा गया है कि मकर संक्रांति पर दान करना शुभ होता है। तिल, गुड़, कंबल, अनाज, और गर्म कपड़े दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान और दान करने से कई जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं।

तिल और गुड़ खाने की परंपरा का संदेश

मकर संक्रांति पर “तिल गुड़ घ्या, गोड-गोड बोला” कहकर तिल-गुड़ का प्रसाद दिया जाता है। इसका अर्थ है कि मिठास का प्रसार करें और अपने व्यवहार में मधुरता बनाए रखें।


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तिल और गुड़ खाने का सही समय

मकर संक्रांति के दिन सुबह स्नान करके तिल और गुड़ का सेवन करना सबसे शुभ माना जाता है। इसके बाद तिल के लड्डू और अन्य व्यंजन पूरे दिन खाए जा सकते हैं।

मकर संक्रांति का त्योहार न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य और समाज में सामंजस्य बनाए रखने का संदेश भी देता है। तिल और गुड़ का सेवन हमें पोषण प्रदान करता है, जबकि इसका दान हमारे अंदर उदारता और परोपकार की भावना को मजबूत करता है। इस मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का आनंद लें और इस पवित्र पर्व का उत्साहपूर्वक स्वागत करें।

Khushal Luniya

Khushal Luniya is a young kid who has learned HTML, CSS in Computer Programming and is now learning JavaScript, Python. He is also a Graphic Designer. He is playing his role by being appointed as a Desk Editor in Luniya Times News Media Website.

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