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जयपुर में विदेशी पर्यटकों ने मनाया रंगों का उत्सव, मटका दौड़ और साफा बांधने की रही धूम

DINESH LUNIYA
CHIEF EDITOR

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।"

DINESH LUNIYADINESH LUNIYA@Dinesh_luniya

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में रंगों का त्योहार धुलंडी इस बार विदेशी पर्यटकों के लिए खास रहा। शुक्रवार को स्टेशन रोड स्थित होटल खासा कोठी में पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित रंग उत्सव में हजारों विदेशी पर्यटकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक चले इस आयोजन में पर्यटकों ने राजस्थानी लोक गीतों पर जमकर डांस किया और सूखे रंगों से होली खेली।

पर्यटन उपनिदेशक उपेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि यह आयोजन विशेष रूप से विदेशी मेहमानों के लिए आयोजित किया गया था, ताकि वे भारतीय संस्कृति और परंपराओं का नजदीक से अनुभव कर सकें। लगभग तीन हजार से अधिक विदेशी पर्यटक इस आयोजन में शामिल हुए। उन्होंने पारंपरिक भारतीय परिधान—कुर्ता-पायजामा—धारण कर होली खेली और राजस्थानी लोक कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया।

मटका दौड़ और साफा बांधने की प्रतियोगिता बनी आकर्षण का केंद्र

इस मौके पर पर्यटन विभाग ने कई पारंपरिक प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया, जिनमें मटका दौड़ और साफा बांधने की प्रतियोगिता को खासा पसंद किया गया। विदेशी पर्यटकों ने इन गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और भारतीय संस्कृति से जुड़ाव महसूस किया।

शेखावत ने बताया कि रंगों से सराबोर इस आयोजन में लोक कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। राजस्थानी लोक गीतों की धुनों पर विदेशी मेहमान झूमते नजर आए। रंगों की बौछार के बीच “हैप्पी होली” कहकर पर्यटकों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाया और होली की शुभकामनाएँ दीं।

धुलंडी: वसंत ऋतु और भाईचारे का प्रतीक

धुलंडी उत्सव, जिसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है, भारत में होलिका दहन के अगले दिन मनाया जाता है। यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और समाज में भाईचारे को मजबूत करने का संदेश देता है। इस अवसर पर पारंपरिक मिठाइयाँ और व्यंजन तैयार किए जाते हैं, और लोग अपने गिले-शिकवे भुलाकर प्रेम और सौहार्द का संदेश देते हैं।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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