उत्तर प्रदेश

हलाला के नाम पर पति ने पैसे लेकर बहनोई से करवाया पत्नी का बलात्कार

संतान नहीं होने, दहेज में 50 हजार नकद की मांग पर ससुरालियों की प्रताड़ना - पीटकर घर से निकाला, शिकायत के कई दिन बाद भी मूलगंज पुलिस निष्क्रिय


कानपुर। हैरत की बात है कि देश भर में रोजाना तीन तलाक के दर्जनों मामलों में पुलिस कार्रवाई के बावजूद कुछ लोगों में अभी भी कानून का कोई खौफ नहीं है। ताजा मामला कानपुर के मूलगंज थानाक्षेत्र का है। यहां पर एफआईआर के लिये कुछ दिन पूर्व एप्लीकेशन देने वाली महिला ने 50 हजार नकदी नहीं दे पाने पर पति पर तीन तलाक देने और फिर हलाला के नाम पर बहनोई से बलात्कार करवाने का गंभीर आरोप लगाया है।

पीड़ि़ता की एप्लीकेशन के अनुसार उसका विवाह महज डेढ़ वर्ष पूर्व जाजमऊ के अशरफाबाद निवासी जुनैद खान के साथ हुआ था। शादी के कुछ हफ्तों के अंदर ही पति जुनैद उसको सार्वजनिक रूप से बिनावजह लोगों के सामने अपमानित करने लगा। पता चला कि पति जूनैद का किसी महिला से अफेयर है। वहीं पति सबके सामने उस दूसरी महिला से घंटों फोन पर बात करता। सास व ननदों आदि से शिकायत करने पर सब लोग उल्टे उसे ही प्रताड़ित करने लगे। विवाह के डेढ़ वर्ष तक संतान नहीं होने पर और पति का मेडिकल टेस्ट कराने की सलाह पर ससुरालियों की प्र्रताड़ना बढ़ गई। फिर पति जुनैद ने अचानक ससुराल से 50 हजार रूपये नकद लाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। ये रकम नहीं दे पाने पर एक दिन पति ने अचानक ही पीड़िता को तीन तलाक बोलकर घर से निकल जाने को कहा।
पीड़िता ने वापस अपने मायके जाने की तैयारी की तो आरोप है कि षणयंत्र के तहत, सुनियोजित ढंग से उसको रोकने के लिये दोबारा निकाह करवाने का झांसा दिया गया। फिर उसकी इच्छा के विरूद्ध जबरन पकड़कर, एक कमरे में बंद करके हलाला करवाया गया। हलाला करने वाला कोई और नहीं बल्कि पति का बहनोई कौसर था, जिसने कथित तौर पर हलाला के लिये पति को पैसों का भुगतान किया। इस घृणित कृत्य को करवाने लिये रेप करने वाले कौसर के साले आसिफ और आमिर कमरे के बाहर पहरा देते रहे। अंदर पीड़ितता बचने के लिये चीखती रही। सास व ननदों आदि से शिकायत करने पर कहा गया कि मायके वालों को या किसी ओर को कुछ बताया तो जान से मार दिया जायेगा। बता दें कि नई सड़क कनिवासी महिला बेहद गरीब परिवार से है। हलाला के नाम पर बलात्कार के बाद से वो मायके में रह रही है। एप्लीकेशन दिये जाने और कई दिन थाने के चक्कर काटने के बावजूद मूलगंज पुलिस ने पीड़िता की एफआईआर तक दर्ज नहीं की है। पीड़िता को उल्टे जाजमऊ थाना भेजने का प्रयास किया जा रहा है, ये जानते हुए कि वहां आरोपी जांच को प्रभावित और पीड़िता को प्रताड़ित करने का प्रयास करेंगे।

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