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बालकों को भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत शिक्षा की आवश्यकता : बीके स्नेहा बहिन

उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए : स्वामी विवेकानंद

बाली में राष्ट्रीय युवा दिवस पर जीवन में लक्ष्य प्राप्ति की दी सीख

Journalist

राकेश चौहान, बाली

बाली नगर के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में गुरुवार को युवा प्रभाग (आर.ई.आर.एफ.) के तत्वाधान में राष्ट्रीय युवा दिवस पर लक्ष्य प्राप्ति पर मनन किया।

दिवस पर बीके स्नेहा बहिन ने युवाओं के लिए शिक्षा के महत्व को समझाते हुए स्वामी विवेकानंद कहते थे कि युवाओं को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। मेरा विश्वास युवा पीढ़ी, आधुनिक पीढ़ी में है। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि युवा सिंह की भांति सभी समस्याओं से लड़ सकते हैं। इसलिए युवाओं को प्रेरित करते हुए वे कहते थे, “मेरे साहसी युवाओं, यह विश्वास रखो कि तुम ही सब कुछ हो – महान कार्य करने के लिए इस धरती पर आए हो। चाहे वज्र भी गिरे, तो भी निडर हो खड़े हो जाना और कार्य में लग जाना। साहसी बनो।”
बीके दीप्ति बहिन ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवनकाल कई मायनों में आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। स्वामी विवेकानंद कहते थे कि हर युवा राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकता है। ऐसे में युवाओं को अपने सामर्थ्य का उचित प्रयोग करना चाहिए। ऐसें युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से स्वामी विवेकानंद कहते थे, “अपनी आरामदायक (कंफर्ट जोन) से बाहर निकलो और अपने उद्देश्यों की प्राप्त के लिए प्रयास करके उसे प्राप्त करो उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।”
विक्रम सिंह सोलंकी ने बच्चों को जीवन में अग्रसर रहते हुए मेहनत और लगन से सफलताएं हासिल करने की सीख दी।
इस मौके पर गर्ल्स स्कूल की गरिमा कंवर, भूराराम, पुष्पा देवी, संजय दमामी, मूलाराम राजपुरोहित,  ताराचंद कोट, उत्तम जैन सहित अधिक संख्या में प्रबुद्धजनो, माताओं, छात्र – छात्राओं ने भाग लिया।

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