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राज व्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है-महात्मा गांधी

आइए हिंदी दिवस पर हम संकल्प लें कि हम सब स्थानीय रुप से अपनी अपनी मातृभाषा को सर्वोपरि रखते हुए अपने दैनिक कार्यों में, कार्यालय के कामकाज में अधिक से अधिक हिंदी तथा स्थानीय भाषाओं का उपयोग करके दूसरो के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेंगे तथा संवैधानिक दायित्वों की पूर्ति करते हुए राष्ट्र का गौरव बढ़ाने में अपना योगदान देंगे।

हिंदी ही भारत की राष्ट्र भाषा हो सकती हैवी.कृष्णास्वामी अय्यर

राष्ट्र की एकता की कड़ी हिंदी ही जोड़ सकती है-बाल कृष्ण शर्मा नवीन

किसी भी देश की पहचान उस देश की भाषा होती है।भारतवर्ष की पहचान हिंदी भाषा है। विविधताओं से भरे हमारे देश में हिंदी भाषा आजादी से पहले,आजादीकी लड़ाई के दौरान और आजादी मिलने के बाद भी एकता की कड़ी के रूप में लोकप्रिय बनी हुई है।

स्वतंत्र भारत की संविधान सभा द्वारा गहन चिंतन मनन करके 14सितंबर 1949को हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया था।14सितंबर 1949को संविधान सभा के सदस्य गोपाल स्वामी आयंगर के प्रस्ताव पर देवनागरी लिपि में हिन्दी को भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया। संविधान के भाग 17के अनुच्छेद 343(1) में कहा गया है कि राष्ट्र की भाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। 1953से प्रतिवर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है।
ठीक ही कहा गया –

  • हिंदी में निराला, प्रेमचंद की लेखनी का गान है।
    हिंदी में बच्चन,पंत, दिनकर का मधुर संगीत है।
    हिंदी में तुलसी ,सूर, मीरां, जायसी की तान है।

सचमुच हिंदी संस्कृत की लाडली बेटी है जो अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को लेकर चलती है।यह सुंदर है,मनोरम है, मीठी है,सरल है, ओजस्विनी है, अनूठी है।यह प्रवास में पाथेय है, परिचय का सूत्र है। हिंदी मैत्री को जोड़ने की सांकल है।यह साहित्य का असीम सागर है।

तुलसी,कबीर, मीरां ने इस भाषा में ही लिखा है।यह कवि सूर के सागर की गागर है।
हिंदी जन जन की भाषा है,यह भारत की आशा है, हिंदी राष्ट्रीय एकता की संवाहक है।यह हिंदूस्थान की गौरवगाथा है।यह जन गण मन की भाषा है,यह कोटि कोटि कंठों की भाषा है,यह राष्ट्र की आन बान शान है। कवि देवमणि पांडेय के शब्दों में-
हिंदी इस देश का गौरव है। हिंदी भविष्य की आशा है। हिंदी हर दिल की धड़कन है। हिंदी जनता की भाषा है। हिंदी एक सशक्त भाषा है।

हिंदी विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी एक उन्नत, समृद्ध और वैज्ञानिक भाषा है। इसकी प्रकृति अत्यंत सरल है,यह जिस प्रकार से लिखी जाती है वैसे ही बोली जाती है। इसमें अन्य भाषाओं एवं बोलियों के शब्दों को स्वयं में समाहित करने की क्षमता है,इसकी शब्द क्षमता भी असंख्य है।भारत देश में हिंदी ही एक ऐसी संपर्क भाषा है जो संपूर्ण राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांध सकती है। हिंदी भाषा शासनतंत्र और जनता के बीच सेतु का काम करते हुए अधिकाधिक जन भागीदारी सुनिश्चित कराती है ।

राम प्रसाद बिस्मिल की तरह हर भारतीय का संकल्प होना चाहिए-

  • लगा रहे प्रेम हिंदी में, पढूं हिंदी लिखूं हिंदी।
    चलन हिंदी चलूं, हिंदी पहरना,ओढना खाना
    भवन में रोशनी मेरे रहे हिंदी चिरागों की।
    स्वदेशी ही रहे बाजा,बजाना,राग का गाना।

लेखक – विजय सिंह माली

प्रधानाचार्य

श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी (पाली)
मोबाइल 9829285914

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