लालू प्रसाद, मेरे बड़े भाई जैसा, वर्षों पुराना रहा है रिश्ता – पशुपति पारस
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के रालोजपा सुप्रीमो पशुपति पारस के चूड़ा दही भोज में पहुंचते ही राजनीतिक हलचल तेज, महागठबंधन का एक मजबूत हिस्सा होगा रालोजपा, लालू ने दिया संकेत
- पटना।
ANA/Arvind Verma
रालोजपा की चूड़ा दही भोज ने बिहार की राजनीति में भूचाल का दिया।
रालोजपा सुप्रीमो पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के घर राजद सुप्रीमो लालू यादव पहुंचकर पूरे देश को एक नया संदेश दे दिया। अब, रालोजपा महागठबंधन का एक मजबूत हिस्सा होगा। जैसा कि लालू प्रसाद ने मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा। पटना के कौटिल्य नगर स्थित विधायक कॉलोनी में आयोजित चूड़ा दही भोज में रालोजपा सुप्रीमो पशुपति पारस ने राज्यपाल, लालू प्रसाद सहित कई राजनीतिक पार्टी के नेताओं को आमंत्रित किया था।
सैकड़ों लोग आए भी। लालू यादव के पहुंचते ही लालू यादव जिंदाबाद, अब्दुल बारी सिद्दीकी जिंदाबाद, पशुपति पारस जिंदाबाद, सूरजभान सिंह जिंदाबाद के गगन भेदी नारे से इलाका गूंज उठा। सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत रालोजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज (पूर्व सांसद) और युवा नेता यशराज पासवान ने किया। मकर संक्रान्ति भारतीय संस्कृति और परंपरा के प्रति अटूट आस्था का पर्व है इसलिए तमाम आगंतुकों ने बिना भेदभाव के पधार कर एक दूसरे को ऊर्जा, उमंग और उन्नति हेतु मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं दी।
पशुपति पारस ने मीडिया से कहा लालू प्रसाद मेरे बड़े भाई जैसे हैं। उनके साथ बड़े भाई और छोटे भाई जैसा वर्षों पुराना पारिवारिक रिश्ता है। इसलिए मैंने लालू जी के पांव छू कर आशीर्वाद लिया। इस प्रकार एनडीए का एक धड़ा धराशाही हो गया बिहार में, जिसका अच्छा प्रभाव आने वाले बिहार विधान सभा चुनाव में देखने को मिलेगा। लोजपा की स्थापना दिवंगत राम विलास पासवान ने जरुर किया था मगर बिहार में पार्टी की पूरी कमान और संगठन का संचालन खुद पारस जी ही किया करते थे।
तभी तो अपने जीवन काल में ही राम विलास पासवान ने अपने अनुज पशुपति पारस को अपना असली उत्तराधिकारी घोषित करते हुए हाजीपुर से चुनाव लड़ाया और पारस ने जीत हासिल किया। पूरे बिहार में पारस की लोकप्रियता पासवान समाज के साथ साथ राम विलास पासवान के सभी अनुयाइयों के बीच बरकरार है। पशुपति पारस के चूड़ा भोज में शिरकत करने वालों में प्रमुख थे लालू प्रसाद यादव, तेज़प्रताप यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, पूर्व राज्य सभा सांसद अशफाक करीम, पूर्व राज्य सभा सांसद तारिक अनवर, पूर्व सांसद महबूब अली केसर, पूर्व सांसद सूरज भान सिंह, पूर्व सांसद चंदन सिंह, पूर्व मंत्री रेणु सिंह कुशवाहा तथा विजय सिंह आदि।
चूड़ा दही भोज में रालोजपा और दलित सेना के सैकड़ों केंद्रीय तथा प्रदेश के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता रहे मौजूद।