वक्फ संशोधन विधेयक अधूरा, हिंदू समाज के अधिकारों की संपूर्ण रक्षा हो – हिंदू जनजागृति समिति

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत वक्फ संशोधन विधेयक में वक्फ बोर्ड को मिले असीमित अधिकारों को कुछ हद तक सीमित किया गया है, लेकिन हिंदू समाज की भूमि की संपूर्ण सुरक्षा की गारंटी इस विधेयक में नहीं दी गई है। हिंदू जनजागृति समिति ने इसे अधूरा बताते हुए सरकार से हिंदू समाज के अधिकारों की रक्षा हेतु आवश्यक संशोधन करने की मांग की है।
विधेयक में मौजूद कमियां और हिंदू समाज की चिंताएं
वक्फ संशोधन विधेयक में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें धारा 40, 104, 107 और 108 जैसी विवादास्पद धाराओं को हटाया गया है। हिंदू जनजागृति समिति ने इन संशोधनों का समर्थन किया है, लेकिन विधेयक में अभी भी कई महत्वपूर्ण मुद्दे अनसुलझे हैं:
धारा 3(c) के अनुसार, केवल सरकारी भूमि की जांच की जाएगी, लेकिन पहले से वक्फ संपत्ति घोषित की गई संपत्तियों की जांच को लेकर कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।
हिंदू मंदिरों, ट्रस्टों, अन्य समुदायों की भूमि और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन आने वाली संपत्तियों को यदि वक्फ संपत्ति के रूप में घोषित किया गया है, तो क्या वे वापस मिलेंगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
विधेयक में पूर्वव्यापी प्रभाव (Retrospective Effect) का कोई प्रावधान नहीं है, जिससे पहले से घोषित वक्फ संपत्तियों को चुनौती देना कठिन होगा।
हिंदू समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक संशोधन
हिंदू जनजागृति समिति ने सरकार से मांग की है कि:
- पूर्व में वक्फ संपत्ति घोषित की गई सभी भूमि की जांच होनी चाहिए।
- हिंदू मंदिरों, ट्रस्टों, अन्य समुदायों और ASI के अधीन संपत्तियों पर किए गए अन्यायपूर्ण वक्फ दावों को तुरंत रद्द किया जाए।
- वक्फ बोर्ड को मिले विशेषाधिकार पूरी तरह समाप्त किए जाएं।
हिंदू समाज को एकजुट होने की आवश्यकता
समिति ने कहा कि हिंदू समाज को अपनी भूमि की रक्षा के लिए संगठित होकर आवाज उठानी होगी। विधेयक में जरूरी सुधार न होने तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
प्रवक्ता का बयान
हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि यह विधेयक हिंदू समाज के अधिकारों की संपूर्ण रक्षा नहीं करता और इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए।

सरकार द्वारा पारित इस विधेयक में किए गए संशोधन निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कदम हैं, लेकिन हिंदू समाज को पूर्ण न्याय दिलाने के लिए अभी और सुधारों की आवश्यकता है।