सिंन्धु सनातन संस्कृति के प्रति जागरूक करना आवश्यक-महामंडलेश्वर
अ भा सि सन्त समाज ट्रस्ट की बैठक बड़ोदा में सम्पन्न
भीलवाड़ा, पेसवानी
अखिल भारतीय सन्त समाज ट्रस्ट के ट्रस्टियों, प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक सम्पन्न हुई।
ये बैठक सन्त माता माया दरबार, बड़ोदा में दि.16 और 17 मार्च को रखी गयी। बैठक में अनेक विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। सिंन्धु समाज अनेक पंथों और मत मतान्तरों के मायाजाल में फंसकर अपने सिंन्धु संस्कृति के त्योहारों, रीति रिवाजों और मान्यताओं को भूलता जा रहा है। इसी कारण से प्राचीन सिंधु संस्कृति लुप्त होने की ओर बहुत तेजी से अग्रसर है। ये बहुत बड़ी चिंता का विषय है। सन्त समाज द्वारा इस विषय पर गहन चिंतन करते हुए सभी सिंधी टिकाणो (मंदिरों) के माध्यम से सनातन धर्म और सिंधु संस्कृति के प्रचार प्रसार की कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वित करने की घोषणा की गई। समाज के जरूरतमंद बच्चों को पाठ्य सामग्री वितरित करने का भी निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। असहाय और जरूरतमंद परिवारों के लिए चिकित्सा शिविरों और दवा वितरण की कार्ययोजना पर भी विचार हुआ।
सनातन धर्म के प्रचार प्रसार हेतु श्री सुंदरकांड, हनुमान चालीसा और हवन यज्ञ के सामूहिक आयोजनों के अलावा श्री राम नाम लेखन पुस्तिका छपवाने का निर्णय भी सर्वसम्मति से लिया गया। इन पुस्तिकाओं का वितरण संस्था द्वारा देश भर के सभी सिंधी टिकाणो (मंदिरों) के माध्यम से किया जाएगा। राम नाम लेखन करने वालो को विशेष प्रोत्साहित और पुरस्कृत भी किया जाएगा।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि श्री अयोध्या धाम में अखिल भारतीय सिंन्धु सन्त समाज ट्रस्ट द्वारा सिंन्धु सन्त सम्मेलन, श्रीराम मन्दिर दर्शन और सत्संग-सेवा कार्यक्रमों के आयोजन किया जाएगा। कुछ ही समय मे तिथि निर्धारित कर विस्तृत जानकारी सभी सदस्यों को दे दी जाएगी। इस अवसर पर सन्त माया देवी मंदिर में सत्संग प्रवचन का विशेष कार्यक्रम में विशाल भक्त समूह उपस्थित हुआ। स्वामी धर्मदास दरबार के सेवादार मंडल की सेवा अत्यंत उत्कृष्ट रही।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी (भीलवाड़ा), महंत खिमयादास जी (सतना), महंत ईश्वरदास जी (सतना), महंत श्यामदास जी (किशनगढ़), महंत आसनदास जी (उल्हा), महंत हनुमान राम जी (पुष्कर), महंत स्वरूपदास जी (अजमेर) स्वामी हंसदास जी (रीवा), महंत अर्जुनदास जी (अजमेर), स्वामी तुलसीदास जी (भोपाल), स्वामी गुलराज जी (जयपुर), स्वामी अमरलाल जी (राजकोट), साई कमलेशलाल जी (बड़ोदा) साध्वी परमानन्दा (गोधरा) दीदी पुष्पा देवी (नागपुर) सहित मुख्य ट्रस्टी, प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सम्मिलित हुए।
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