28 फरवरी को ब्लैक डे-संपूर्ण शाहपुरा बंद, रैली और जेल भरो आंदोलन का आह्वान

शाहपुरा-पेसवानी। जिला बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में 28 फरवरी 2025 को ब्लैक डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान संपूर्ण शाहपुरा बंद रहेगा और जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। शाहपुरा को पुनः जिला बहाल कराने की मांग को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है।
संघर्ष समिति के अनुसार, इस दिन महलों का चैक से रैली निकाली जाएगी, जो सदर बाजार होते हुए उपखंड कार्यालय पहुंचेगी, जहां ज्ञापन सौंपा जाएगा और जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। आंदोलन को सफल बनाने के लिए व्यापारिक संगठनों, सामाजिक संगठनों एवं आमजन से अपील की गई है कि वे इस बंद में पूर्ण सहयोग दें।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि 28 जनवरी को शाहपुरा बंद पूरी तरह सफल रहा था, जिससे जनता की एकजुटता जाहिर हुई। अब यह आवश्यक है कि 28 फरवरी को भी शाहपुरा पूरी तरह बंद रखकर आंदोलन को मजबूती दी जाए, ताकि राज्य सरकार शाहपुरा की जनता की मांगों पर ध्यान दे और इसे पुनः जिला घोषित करे।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता दुर्गालाल राजोरा और संयोजक अधिवक्ता रामप्रसाद जाट ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ समिति की नहीं, बल्कि पूरे शाहपुरा की है। उन्होंने आमजन से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में रैली और जेल भरो आंदोलन में भाग लें, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
शाहपुरा को पुनः जिला बनाने की मांग–शाहपुरा को पहले जिला घोषित किया गया था, लेकिन बाद में इसे वापस हटा दिया गया, जिससे यहां के नागरिकों में भारी रोष है। जनता लगातार सरकार से इसे पुनः जिला बहाल करने की मांग कर रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन को और अधिक उग्र रूप दिया जाएगा।
किन्नरों सहित वार्ड 5 के नागरिकों ने दिया धरना-
जिला बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में शाहपुरा को पुनः जिला बहाल कराने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन अब और तेज होता जा रहा है। आज आंदोलन के 57वें दिन, वार्ड नंबर 5 के नागरिकों ने धरना दिया। धरने में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक और संघर्ष समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
विधानसभा में विधायक के बयान से जनता असंतुष्ट–
संघर्ष समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता दुर्गालाल राजोरा ने बताया कि विधानसभा में विधायक ने शाहपुरा को पुनः जिला बनाने की मांग को पर्याप्त रूप से नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि विधायक द्वारा भेजे गए प्रतिनिधिमंडल से जनता को जो उम्मीदें थीं, उन पर वे खरे नहीं उतरे।
संघर्ष समिति का आरोप है कि विधायक ने पंवार कमेटी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में गलत आंकड़ों पर आपत्ति नहीं जताई, जिससे शाहपुरा के नागरिकों में नाराजगी है। संयोजक रामप्रसाद जाट ने इसे जनता के साथ अन्याय करार दिया और इस उपेक्षा की निंदा की। रामप्रसाद जाट ने आमजन से अपील की कि वे इस बंद को सफल बनाने में सहयोग दें और ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होकर आंदोलन को ताकत दें।
रीट परीक्षा को देखते हुए चक्का जाम स्थगित—
संघर्ष समिति ने आगामी रीट परीक्षा को ध्यान में रखते हुए चक्का जाम एवं महापड़ाव को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है, ताकि परीक्षार्थियों को किसी तरह की असुविधा न हो।