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परमात्मा की वाणी आत्मसात करने वाला ही सच्चा श्रावक हैं – साध्वी
- पाली
श्री जिनकुशल सूरी जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ के श्री कुशलकांति आराधना भवन में साध्वी प्रशमिता ने कहा कि परमात्मा की वाणी को जब भक्ति अपने जीवन में आत्मासार करता हैं ।
तब सच्चा श्रावक बनता है श्रावक जब संसार में पारस्परिक कर्तव्यों को निष्ठा नीति पूर्वक निभाते हैं। तब समाज के अंग कहलाते हैं। सुसंस्कृत सभ्य समाज ही आत्म उत्थान कर सकता है। संस्कार जीवन निर्माण की मूल नींव हैं। संस्कारों की सुदृढ़ शिला पर ही जीवन का भव्य महल खड़ा होता है। सता को नहीं सत्य को महत्व दो आकृति को नहीं प्रकृति को सुधारों वेश का नहीं प्रभु के संदेश को ध्यान में रखो संस्कार का अभाव ही हमारे समाज के पतन का कारण हैं संघ के विनोद सेठीया ने बताया कि शनिवार शाम 7:30 बजे ” अमावस को चांद उगायो ” नाटिका होगी जिसमें चारों खरतरगच्छीय दादा गुरूदेवो की जीवनी से रुबरु कराया जाएगा। शुक्रवार की संघ प्रभावना का लाभ राजेश, हर्ष , मीत, बंशीधर बोथरा परिवार ने लिया।