NewsNational News

आरएसएस के निंबाराम ने किया पंच प्रण का आव्हान, जाने पंच प्रण के बारे में

जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने पंच प्रण लेकर समाज में परिवर्तन लाने का आव्हान सोमवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) स्थापना के 75वे वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में किया। उन्होंने कहा कि हम सबको सामूहिक रूप से पंच प्रण- विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिक अनुशासन के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाना होगा। ताकि हमारा देश विश्व पटल पर अपनी एक विशेष पहचान बना सके।

संघ के निंबाराम एबीवीपी की स्थापना के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित ‘अमृत महोत्सव समारोह’ में अटल बिहारी वाजपेयी की कविता से अपना उद्बोधन शुरू किया, पंक्तियां ‘कभी थे अकेले हुए आज इतने, तब न डरे तो भला अब डरेंगे’ उन्होंने कहा कि ABVP आज 75 वर्ष का हो गया है। इसलिए देशभर में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। देश में हो रहे सकारात्मक परिवर्तन में एबीवीपी के आंदोलनों का बड़ा योगदान रहा है।

निंबाराम ने कहा कि अभाविप एकमात्र ऐसा छात्र संगठन है जो 365 दिन कार्य करता है। अन्याय के विरोध में अभाविप के कार्यकर्ता लड़ते हैं। संगठन की यह एक सार्थक यात्रा है। स्वाधीनता की जब शताब्दी आएगी, तब भारत कैसा होगा। इस पर विचार करना होगा। आने वाले 25 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण है। वर्तमान में देश में अमृतकाल चल रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं में राष्ट्रभक्ति निरंतर प्रज्जवलित रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी हाल में हमने देखा कि हमारे वैज्ञानिकों ने किस तरह से अपनी तपस्या के बल पर चंद्रमा पर चंद्रयान को उतारा था। यह नजारा पूरी दुनिया ने देखा था।

WhatsApp Image 2024 01 09 at 9.30.52 PM 1

संघ के निंबाराम ने आगे कहा कि जब हम एक तरफ चंद्रमा पर जीवन बसाने के बारे में सोच सकते हैं। ऐसे में आपस के भेदभाव को समाप्त करना होगा। हमारी कथनी और करनी समान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता कैसे बढ़े इस पर विचार करना चाहिए। ‘ हम बदलेंगे- युग बदलेगा, हम सुधरेंगे- युग सुधरेगा ’ के नारे को बुलंद करना होगा। इसकी शुरूआत अपने घर परिवार से करनी होगी। उन्होंने कहा हमारे अंदर स्व का भाव जाग्रत होना चाहिए। पर्यावरण और स्वदेशी को लेकर कुटुंब प्रबोधन होना चाहिए। स्वदेशी को केवल वस्तुओं तक सीमित नहीं रखा है। स्वदेशी के बारे में कहा जाता है कि ‘ वोकल फॉर लोकल ’ यानी कि जो लोकल है यानि जो हमारे गांव में या हमारे शहर में बनता है। दूसरे शहर से नहीं लाना हैं। जो हमारे अपने प्रदेश में है वह दूसरे प्रदेश से क्यों लाना। अपनी विरासत और संस्कृति गर्व करें। इसके लिए अंग्रेजों से पहले के भारत को अवश्य पढ़ें। हमें औपनिवेशिक मानसिकतसा से बाहर निकलना होगा।

WhatsApp Image 2024 01 09 at 9.30.51 PM

निम्बाराम ने ‘ नागरिक अनुशासन ’ को पांचवां प्रण और परिवर्तन बताते हुए कहा कि एक ही संस्था या संगठन के सदस्य तो सार्वजनिक जीवन में अनुशासित हो सकते है। लेकिन क्या संपूर्ण समाज में ऐसा दिखता है। समाज में इसकी शुरूआत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रास्ते में चलते समय यातायात नियमों का पालन करने से लेकर सार्वजनिक नल और बिजली के दुरुपयोग होने पर हम प्रतिक्रिया देते है क्या। उन्होंने शादी समारोह में हो रही फिजूलखर्ची पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भोजन की बर्बादी पर रोक लगाने पर भी विचार करना होगा। इसलिए समाज में परिर्वतन के लिए सबसे पहले अपने घर से शुरूआत करनी होगी। उसके बाद गली — मोहल्ले, फिर शहर, राज्य और देश में परिवर्तन होगा।

निंबाराम ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि आज की राजनीतिक भाषा में उसे अंत्योदय कहा गया है। उन्होंने विद्यार्थी परिषद के 75वें स्थापना दिवस के तहत मनाए जा रहे अमृत महोत्सव पर कार्यकर्ताओं को एक भारत- श्रेष्ठ भारत के संकल्प को पूरा करने का आवाहृन किया।

IMG 20231224 WA0374

यह भी पढ़े   नशे से दूर रहने तथा नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम में सहयोग की ली शपथ

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकान्त ने कहा कि अभाविप में कार्यकर्ता सतत बदलते हैद्व बदले हुए कार्यकर्ताओं के साथ ये 75 वर्ष पूर्ण होना बड़ी बात नहीं हैं, बल्कि किसी लक्ष्य के साथ इतने साल पूरा कर लेना बड़ी बात है। इसके उद्देश्य को समझना जरूरी है, ‘ देश हमे देता सबकुछ, हम भी तो कुछ देना सीखे ’। ये है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का उद्देश्य। संगठन ‘ राष्ट्र प्रथम है ’ के भाव के साथ काम कर रहा है। छात्र समुदाय केवल समस्याओं को गिनाने वाला नहीं है, बल्कि परिषद ने ऐसा आंदोलन खड़ा किया जिसमें ‘ समस्या नहीं समाधान ’ के भाव को जागृत किया। अभाविप एक राष्ट्र और एक संस्कृति के विचार को लेकर आगे बढ़ा है। हमारा विचार और हमारा चिंतन शाश्वत है। इसे कोई पराभूत नहीं कर सकता। भारत के उदय से विश्व शांति का मार्ग प्रशस्त होगा। कार्यक्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पुराने व नए कार्यकर्ता, जयपुर प्रांत के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थी व प्राध्यापक कार्यकर्ता, शिक्षाविद्, पूर्व कार्यकर्ता, प्रबुद्ध नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थिति रहे। महोत्सव की शुरुआत सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुई।

न्यूज़ डेस्क

🌟 "सच्ची ख़बरें, आपके अपने अंदाज़ में!" 🌟 "Luniya Times News" पर हर शब्द आपके समाज, आपकी संस्कृति और आपके सपनों से जुड़ा है। हम लाते हैं आपके लिए निष्पक्ष, निर्भीक और जनहित में बनी खबरें। यदि आपको हमारा प्रयास अच्छा लगे — 🙏 तो इसे साझा करें, समर्थन करें और हमारे मिशन का हिस्सा बनें। आपका सहयोग ही हमारी ताक़त है — तन, मन और धन से। 📢 "एक क्लिक से बदलें सोच, एक शेयर से फैलाएं सच!"

6 Comments

  1. Somebody necessarily help to make significantly articles I’d state. That is the very first time I frequented your web page and up to now? I amazed with the research you made to make this actual post extraordinary. Excellent job!

  2. Hey there! I know this is somewhat off topic but I was wondering if you knew where I could get a captcha plugin for my comment form? I’m using the same blog platform as yours and I’m having problems finding one? Thanks a lot!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button