कारसेवक हमारे लिए प्रेरणास्रोत-विक्रम सिंह सोलंकी
सादड़ी। श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में कारसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, कारसेवकों पर हमें गर्व है, कारसेवक हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। उक्त उद्गार कारसेवक सम्मान समिति बाली के संयोजक विक्रम सिंह सोलंकी ने स्थानीय अधिवक्ता हीरसिंह राजपुरोहित के विधि भवन में आयोजित कारसेवक सम्मान समारोह में व्यक्त किए।
कारसेवकों के सम्मान समारोह में विक्रम सिंह सोलंकी ने कहा कि कारसेवकों के अतुलनीय संघर्ष को हिंदू समाज कभी विस्मृत नहीं कर सकता। समारोह में बोलते हुए एडवोकेट हीरसिंह राजपुरोहित ने रामजन्म भूमि के गौरवशाली इतिहास व संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कारसेवकों का सम्मान करना गौरव का विषय है।समारोह की अध्यक्षता सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी गुमान सिंह राजपुरोहित ने की।
श्रीराम की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से शुरू हुए इस समारोह में सर्वप्रथम एडवोकेट हीरसिंह राजपुरोहित, विक्रम सिंह सोलंकी व गुमान सिंह राजपुरोहित द्वारा कारसेवकों दिलीप सोनी, गजेन्द्र गिरी गोस्वामी, सुरेश पुरी गोस्वामी, पुरुषोत्तम वैष्णव, रामलाल मीणा, मांगीलाल मीणा, दिलीप बोहरा, महेंद्र सेठिया, अंबिका प्रसाद बोहरा, दिनेश जैन तथा स्व .परबत सिंह मेवाड़ा के पिता लादुराम मेवाड़ा, शंकर लाल मीणा के पुत्र का बाहुमान किया गया।
श्रीराम मंदिर से जुडी खबरे पढ़े
इस अवसर पर कारसेवक गजेंद्र गिरी गोस्वामी और कई कारसेवकों ने कारसेवा के संस्मरण सुनाएं। मंच संचालन एडवोकेट विनोद मेघवाल ने किया।
इस अवसर पर एडवोकेट संजय बोहरा, हरी सिंह मादा, सुंदरलाल बोहरा, भूराराम प्रजापत, अमित सक्सेना, दीपक श्रीमाली, अंशुमान सिंह, रामपाल मेवाड़ा, सुरेश सिंह राजपुरोहित, दिनेश लूणिया, गजेन्द्र सिंह राजपुरोहित, अरविंद सिंह, बाबू लाल चौधरी, राजू पुरी गोस्वामी समेत कई प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि रामजन्म भूमि मुक्ति के लिए हुई 1990 व 1992 की कारसेवा में सादड़ी नगरपालिका से भी स्वर्गीय महेंद्र साकरिया, स्वर्गीय जगदीश रावल समेत कई कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे।
यह भी पढ़े कारसेवक: तब दिल में जुनून था…आज रामलला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा ने लाई आंखों में चमक
One Comment