दो महिलाओ पर कुत्तो का हमला, रामपरी देवी को नोंच नोंच कर मार डाला, एक गंभीर घायल
पंजाब में फगवाड़ा के पासन गांव में मवेशियों के लिए हरा चारा लेने के लिए खेत में गई एक 32 वर्षीय महिला को मंगलवार को आवारा कुत्तों के झुंड ने नोच-नोच कर मार डाला। मृतक की पहचान रामपरी देवी निवासी गांव पासन कदीम थाना कबीरपुर निकट सुल्तानपुर लोधी के रूप में हुई है। एक अन्य महिला पिंकी देवी भी कुत्ते के काटने से घायल हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
डीएसपी बबनदीप सिंह लुबाना के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल सुल्तानपुर लोधी के शवगृह में रखवा दिया। डीएसपी बबनदीप सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है कि मामला कुत्ते के काटने से जुड़ा है या मौत का कारण कुछ और है।
फगवाड़ा में भी पिछले कुछ दिनों में शहर और इसके आसपास के इलाकों से कुत्तों के काटने के कई मामले सामने आये हैं। इससे निवासियों में दहशत फैल गयी है। हर महीने सिविल अस्पताल और निजी अस्पतालों में कुत्तों के काटने से पीड़ित महिलाओं और बच्चों समेत करीब 300 लोगों का इलाज किया जा रहा है। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ लेहम्बर राम ने संख्या की पुष्टि की और कहा कि फगवाड़ा उपमंडल में आवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने के बाद लगभग 10 से 15 लोग रोजाना सिविल अस्पताल आ रहे हैं। एसएमओ ने कहा कि हालांकि सभी एंटी-रब्बिस इंजेक्शन स्टॉक में थे, जिसमें तत्काल राहत के लिए इम्युनोग्लोबुलिन का इंजेक्शन भी शामिल था।
पूर्व एडीसी सह नगर निगम फगवाड़ा के आयुक्त अमित कुमार पांचाल ने फगवाड़ा में अपने कार्यकाल के दौरान आश्वासन दिया था कि वह व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखेंगे और आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, लेकिन कुछ ही महीनों में उन्हें डिप्टी कमिश्नर कपूरथला के पद पर पदोन्नत कर दिया गया।
यह भी पढ़े केंद्र सरकार ने गेहूं के बढ़ते दामों को रोकने के लिए स्टॉक सीमा में की कटौती
एमसी अधिकारियों ने कहा कि पता चला है कि पशुपालन विभाग सहयोग नहीं कर रहा है, आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए विभाग को बार-बार पत्र लिखे जाने के बावजूद पशु चिकित्सक शहर का दौरा नहीं कर रहे हैं। लगभग सभी सड़कों पर देखे जा सकने वाले आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या के कारण निवासी भय की स्थिति में रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि आवारा कुत्तों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन न तो स्थानीय निकाय और न ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस पर कोई पहल की जा सकी है। स्थानीय निकाय विभाग और पशु चिकित्सा विभाग के बीच समन्वय की कमी को आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे का मुख्य कारण बताया गया।
यह भी पढ़े नोएडा में किसानों का धरना प्रदर्शन, एक्सप्रेस-वे ठप्प, हाइलेवल कमेटी गठन के आश्वासन पर माने
I like this internet site because so much utile material on here : D.