रविन्द्र नाथ टैगोर का साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अवदान -माली
सादड़ी 7 मई।
रविन्द्र नाथ टैगोर का साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अवदान है।
टैगोर की गीतांजलि कालजयी रचना जिसे नोबेल पुरस्कार मिला तो शांति निकेतन विश्व भारती बालक के सर्वांगीण विकास के शैक्षिक प्रयोगों की स्थली बनकर उभरी जिसे यूनेस्को ने विश्व विरासत का दर्जा देकर गौरवान्वित किया। उक्त उद्गार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी में रविन्द्र नाथ टैगोर जयंती समारोह में व्यक्त किए।
माली ने कहा कि रविन्द्र नाथ टैगोर रविन्द्र संगीत के जनक थे तो राष्टगान जन गण मन के रचयिता भी।
माली ने कहा कि हमें रविन्द्र नाथ टैगोर के साहित्य को पढ़ना चाहिए व रविन्द्र संगीत सुनना चाहिए। रविन्द्र नाथ टैगोर की तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्पांजली से शुरू हुए इस समारोह में प्रकाश परमार मधु गोस्वामी महावीर प्रसाद व कन्हैयालाल ने भी विचार व्यक्त किए। समारोह की अध्यक्षता स्नेहलता गोस्वामी ने की। इससे पूर्व कविता कंवर, सरस्वती पालीवाल के निर्देशन में भाषण निबंध चार्ट निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।मंच संचालन प्रकाश कुमार शिशोदिया ने किया।इस अवसर पर मनीषा ओझा, वीरमराम चौधरी, रमेश सिंह, रमेश कुमार वछेटा, मनीषा सोलंकी, चुन्नीलाल लोंगेशा व गजेंद्र सिंह समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
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