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मातृभाषा में शिक्षण लाभकारी – माली
- बागोल
मातृभाषा में शिक्षण लाभकारी होता है।मातृभाषा में शिक्षण से कक्षा में सीखने का एक सहज वातावरण बनता है।
बच्चों के अनुभवों को ने ज्ञान से जोड़ने में मदद मिलती है। बच्चों में सभी विषयों में बेहतर समझ बनती है। स्कूल और समुदाय के संबंध बेहतर होते हैं। उक्त उद्गार संदर्भ व्यक्ति प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बागोल में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बगड़ी नगर के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय क्लस्टर स्तरीय बहुभाषी शिक्षा आमुखीकरण कार्यशाला में व्यक्त किए।
माली ने कहा कि मातृभाषा आधारित शिक्षण हेतु अनुदेशनात्मक सामग्री तैयार कर विद्यालय में उपयोग करें।पीईईओ मुकेश जोशी ने मातृभाषा के महत्व को बताया तथा इसे बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।कार्यशाला व्यवस्थापक मदनलाल माली ने बताया कि सरस्वती पूजन व वंदना से प्रारंभ हुई इस कार्यशाला में अलग-अलग सत्रों में संदर्भ व्यक्ति प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने बहुभाषी शिक्षा की संकल्पना,बहु भाषी शिक्षण रणनीति,आर एस सी ई आर टी द्वारा विकसित की गई अनुदेशनात्मक सामग्री,स्थानीय भाषा शब्द कोश की जानकारी दी गई।
कार्यशाला में संदर्भ व्यक्ति प्रधानाचार्य विजय सिंह माली के निर्देशन में संभागियों ने स्थानीय भाषा शब्द कोश व टीएलएम सामग्री तैयार की।इस कार्यशाला में सरोज कंवर, विनोद सोलंकी,सुमन कंवर आशियां, राजकुमार,मघा राम, देवी सिंह मुकेश कटारिया समेत 38संभागियों ने भाग लिया। मदनलाल माली, रघुवीर सिंह, मुकेश जोशी ने कार्यशाला की व्यवस्थाएं संभाली। उल्लेखनीय है कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्वावधान में बहुभाषी शिक्षा आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन क्लस्टर स्तर पर किया जाना है।