- फालना 21दिसंबर।
मां, मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं है। मातृभाषा का संरक्षण संवर्धन करना हर व्यक्ति और समाज का कर्तव्य है। बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में देने से वे बेहतर तरीके से सीख सकते हैं। यह उनकी सोचने समझने की क्षमता को विकसित करता है और उनकी जड़ों से जोड़ता है।
उक्त उद्गार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय इंदिरा कालोनी फालना में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बगड़ी नगर के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय क्लस्टर स्तरीय बहुभाषा शिक्षा आमुखीकरण कार्यशाला में व्यक्त किए।
माली ने कहा कि मातृभाषा केवल संवाद का माध्यम मात्र नहीं है बल्कि यह हमारी सोच, विचार और परंपराओं की अभिव्यक्ति है।
कार्यशाला व्यवस्थापक व संस्था प्रधान राम लाल गोयल ने बताया कि सरस्वती पूजन से प्रारंभ हुई इस कार्यशाला में सर्वप्रथम शहरी संकुल प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी दलपत राज चौधरी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति व निपुण भारत के संदर्भ में कक्षा 1-2में स्थानीय भाषा के उपयोग की महत्ता पर प्रकाश डाला।
तत्पश्चात संदर्भ व्यक्ति प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने अलग-अलग सत्रों में स्थानीय भाषा गोडवाडी आधारित शिक्षण अवधारणा व प्रमुख रणनीतियों की चर्चा की तथा आर एस सीईआरटी द्वारा इस हेतु विकसित की गई अनुदेशनात्मक सामग्री की जानकारी दी।
तत्पश्चात माली के निर्देशन में मूल चंद गर्ग,इंदर सिंह सोनीगरा, हेमलता चौहान, विनोद कंवर,पंकज कुमारी समेत समस्त संभागियों ने गोडवाडी बोली में शब्द कोश, संभाषण वाक्य, कविता कहानी नाटक चुटकुले पहेलियां तैयार कर प्रात्यक्षिक प्रदर्शन किया।
संस्था प्रधान रामलाल के नेतृत्व में विद्यालय स्टाफ ने संभागियों के पंजीकरण सहित कार्यशाला की समस्त व्यवस्थाएं संभाली। इस क्लस्टर कार्यशाला में पूजा परिहार, रुक्मणी, गीता देवी, कविता राव, चंद्रकांता कंसारा ,चेला राम, राजेन्द्र सिंह गुर्जर,अयूब अली सैयद समेत 31शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बगड़ी नगर द्वारा बहुभाषी शिक्षा आमुखीकरण कार्यशालाओं का आयोजन प्रत्येक क्लस्टर स्तर पर किया जाना है।