नाडोल: सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका यशोदा सोलंकी डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित

नाडोल
हिन्दी जगत की जानीमानी कवयित्री और फ़िल्म लेखिका यशोदा सोलंकी को उनके द्वारा हिन्दी भाषा, साहित्य और सेवा के क्षेत्र में किये जा रहे विशिष्ट कार्यों, प्राप्त उपलब्धियों के आधार पर पण्डित दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ मथुरा (उत्तरप्रदेश) द्वारा विद्यावाचस्पति (मानद डॉक्टरेट) की उपाधि से अलंकृत किया गया।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित एक गरिमामय समारोह में देवेन्द्र कुमार जैन (सेवानिवृत्त न्यायाधीश मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय) विष्णु कांत कनकने (प्रदेश प्रभारी, मुख्यमंत्री उदय योजना, तकनीकी शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश) के मुख्य आतिथ्य एवं डॉ इंदू भूषण मिश्रा (कुलपति पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ मथुरा) की अध्यक्षता, आध्यात्मिक गुरु साध्वी दीपा मिश्रा, डॉ विश्वनाथ पाणिग्रही (अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद छत्तीसगढ़) की विशिष्ट हस्तियों द्वारा मूलतः राजस्थान और वर्तमान में मुंबई में निवासरत यशोदा सोलंकी को यह सम्मान प्रदान किया गया।
सोलंकी विगत लंबे समय से कविता, फ़िल्म पटकथा, गीत, ग़ज़ल लेखन के साथ-साथ समाज सेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय है, अंगदान के ऊपर लिखे गीत पर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री माननीय मनसुख मण्डावीया द्वारा इन्हें सम्मानित किया है, इसके अलावा भी विविध राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कर चुकी है। हाल ही में उन्होंने भारतीय जनसंघ के संस्थापक पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के आकस्मिक अवसान के विषय पर शोधपरक पुस्तक का लेखन किया है जो प्रकाशित होने वाली है।
विश्व हिन्दू परिषद के नरेन्द्र बोहरा नाडोल सहित अनेकों ग्रामीणों समाजसेवियों जनप्रतिनिधियों ने यशोदा सोलंकी को शुभकामनाऐ तथा बधाई प्रेषित की है वही इन्हें इस सम्मान से विभूषित किये जाने कि सुचना पर उनके पैतृक गांव नाड़ोल में उनके शुभचिंतकों में हर्ष की लहर है।

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