चायवाले की अफवाह से हादसा: पुष्पक एक्सप्रेस के यात्री कर्नाटक एक्सप्रेस से कटे, 13 की मौत

जलगांव। महाराष्ट्र के जलगांव में 22 जनवरी को एक दर्दनाक हादसे में 13 लोगों की जान चली गई और 10 घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैली। घबराए यात्री ट्रेन से कूदकर दूसरे ट्रैक पर आ गए, जहां बेंगलुरु से नई दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस ने उन्हें कुचल दिया।
घटना कैसे घटी?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुष्पक एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में यात्रा कर रहे कुछ यात्रियों ने चायवाले से आग लगने की बात सुनी। घबराहट में कुछ लोग चलती ट्रेन से कूद गए, जबकि किसी ने चेन पुलिंग की। ट्रेन रुकते ही अन्य यात्री भी जान बचाने के लिए बाहर निकलने लगे। इस दौरान कुछ लोग दूसरे ट्रैक पर पहुंच गए, जहां कर्नाटक एक्सप्रेस ने उन्हें टक्कर मार दी।
मृतकों की पहचान और शवों की स्थिति
हादसे में जान गंवाने वाले 13 में से 10 लोगों की पहचान हो चुकी है, जिनमें से 4 नेपाल के नागरिक हैं। शवों की स्थिति इतनी भयावह थी कि उनके टुकड़े इकट्ठा करने में रेस्क्यू टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। शवों को जलगांव सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां पोस्टमॉर्टम और एम्बलमिंग की प्रक्रिया जारी है।
रेलवे और सरकार की प्रतिक्रिया
रेलवे बोर्ड ने हादसे की जांच के लिए 5 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 1.5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपये और मामूली घायलों को 5 हजार रुपये दिए जाएंगे।
क्या थी घटना की वजह?
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, पुष्पक एक्सप्रेस के ब्रेक-बाइंडिंग या हॉट एक्सल की वजह से धुआं निकला, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई। इसी अफरातफरी में यह हादसा हुआ।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
मुंबई निवासी साबिर और लखनऊ के राजीव शर्मा ने बताया कि अफवाह सुनकर यात्री ‘आग लग गई, निकलो’ चिल्लाते हुए भाग रहे थे। इस दौरान सामने से आती कर्नाटक एक्सप्रेस ने उन्हें कुचल दिया।
फिलहाल स्थिति
घायलों का इलाज जलगांव सिविल अस्पताल में चल रहा है। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। रेलवे और प्रशासन ने घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है।