Articleशाहपुरा न्यूज

चुनावी जीत की पटकथा: बाडमेर जैसलमेर सीट पर कारोई गाँव की भूमिका रही

  • शाहपुरा

राजस्थान की राजनीतिक परिदृश्य में बाडमेर जैसलमेर सीट को हमेशा से एक महत्वपूर्ण और हॉट सीट माना जाता रहा है। जब यहां गर्मी भरे दिनों में तमाम राजनीतिक पार्टियां और उनके स्टार प्रचारक रैलियों, सभाओं और बैठकों के माध्यम से अपने समीकरण जमाने में व्यस्त थे, वहीं दूसरी तरफ, इस सीट से लगभग 400 km दूर स्थित भीलवाड़ा जिले के कारोई गाँव में एक अलग ही कहानी चुनावी जीत की पटकथा रची जा रही थी।


यहां के ज्योतिषियों और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से एक प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने की कोशिशें चल रही थीं।भीलवाड़ा के कारोई गाँव को ज्योतिष और भृगु संहिता के लिए जाना जाता है। इस गाँव का अपना एक अलग ही महत्व है, जहां देशभर से लोग अपने भविष्य का हाल जानने और समस्याओं का समाधान पाने के लिए आते हैं।

लोकसभा चुनाव के पूर्व, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता और कांग्रेस से प्रत्याशी रहे उम्मेदा राम बेनिवाल ने भी इस गाँव का दौरा किया था। उन्होंने यहाँ के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक व्यास से मुलाकात की थी। पंडित व्यास अनुष्ठानों और राजनीतिक भविष्यवाणियों में सिद्ध हस्त माने जाते हैं।

सूत्रों के अनुसार, बेनिवाल ने अपने नामांकन भरने से पहले और बाद में दो बार कारोई गाँव का दौरा किया। उन्होंने पंडित अशोक व्यास से चुनावी जीत का आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके साथ गहन चर्चा की। यह चर्चा विशेष रूप से अनुष्ठानों और तंत्रों पर केंद्रित थी, जो बेनिवाल की जीत सुनिश्चित कर सकते थे।

बेनिवाल के नामांकन भरने के तिथि से ही कारोई के पुलिस थाना परिसर में स्थित अघोर महादेव मंदिर में शत्रु संहारक तंत्रोंक्त अनुष्ठान शुरू हो गए थे। यह अनुष्ठान पंडित अशोक व्यास के निर्देशन में किया जा रहा था। इन अनुष्ठानों का मुख्य उद्देश्य बेनिवाल के राजनीतिक शत्रुओं को परास्त करना और उन्हें चुनाव में विजय दिलाना था।

चुनाव परिणाम के दिन, जब बेनिवाल की जीत की आधिकारिक घोषणा हुई, तब इस अनुष्ठान की पूर्णाहूति की गई। यह अनुष्ठान तब तक चलता रहा जब तक बेनिवाल के विजयी होने की पुष्टि नहीं हो गई। पंडित अशोक व्यास और उनके सहयोगियों ने इस अनुष्ठान को सफलतापूर्वक संपन्न किया और बेनिवाल की जीत का जश्न मनाया।

Advertising for Advertise Space

भीलवाड़ा के कारोई गाँव की इस कहानी ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि राजस्थान की राजनीति में सिर्फ चुनावी सभाओं और रैलियों का ही महत्व नहीं है, बल्कि ज्योतिष और अनुष्ठानों का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ के लोग अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, चाहे वह अनुष्ठानों का सहारा लेना ही क्यों न हो।

इस पूरी घटना ने यह भी दिखाया कि राजनीति और धर्म का एक अनोखा मेल कैसे संभव है। उम्मेदा राम बेनिवाल की जीत में कारोई गाँव के अनुष्ठानों का कितना योगदान रहा, यह तो स्पष्ट नहीं कहा जा सकता, लेकिन इसने एक नई बहस को जरूर जन्म दिया है।

Advertising for Advertise Space

क्या वाकई में अनुष्ठान और ज्योतिष किसी की राजनीतिक किस्मत बदल सकते हैं? यह सवाल अभी भी विचारणीय है। कुल मिलाकर, राजस्थान के इस चुनावी समर में कारोई गाँव की भूमिका ने एक नया अध्याय जोड़ दिया है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में अन्य राजनीतिक नेता भी इस तरह के अनुष्ठानों का सहारा लेते हैं या नहीं। फिलहाल, उम्मेदा राम बेनिवाल की जीत ने कारोई गाँव और उसके ज्योतिषियों को एक बार फिर से चर्चा का विषय बना दिया है।

मूलचन्द पेसवानी शाहपुरा

जिला संवाददाता, शाहपुरा/भीलवाड़ा

2 Comments

  1. Greetings! I know this is kinda off topic nevertheless I’d figured I’d ask. Would you be interested in exchanging links or maybe guest authoring a blog article or vice-versa? My blog goes over a lot of the same topics as yours and I think we could greatly benefit from each other. If you happen to be interested feel free to shoot me an email. I look forward to hearing from you! Terrific blog by the way!

  2. What i do not understood is in fact how you are not really a lot more well-liked than you might be right now. You’re very intelligent. You recognize thus considerably in terms of this matter, produced me for my part believe it from so many varied angles. Its like women and men don’t seem to be fascinated unless it’s one thing to accomplish with Lady gaga! Your individual stuffs excellent. At all times deal with it up!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button