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सेवाभारती संगठन का परिचय, समाज में सेवाकार्य, युवाओ को इसमें सम्मिलित होने की आवश्यकताओ पर एक नजर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज दुनिया का सबसे बड़ा अनुशासित और संयमित संगठन है। आज के युवा मानते हैं कि उनका मनुष्य जीवन केवल अपनी आत्मा की रक्षा और समृद्धि में ही समर्पित होना चाहिए, जबकि संघ के स्वमसेवक नर सेवा और नारायण सेवा जैसे महत्वपूर्ण मूल्यों का पालन करते हुए निस्वार्थ भाव से राष्ट्र आराधना में लगे हुए हैं। समाज में अपनत्व के भाव से प्रत्येक हिन्दू को नारायण मानते हुए उनके स्वास्थ्य , सामाजिक आर्थिक विकास और उत्थान के लिए सतत प्रयत्नशील रहता है। वर्तमान परिदृश्य और कोरोना कालखंड में सेवाभारती के साथ युवा वर्ग भी आगे आकर समाज सेवा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे है, इसके कई महत्वपूर्ण कारण हो सकते हैं।

सेवाभारती संगठन का परिचय:

एक भारतीय सामाजिक संगठन है जो विभिन्न क्षेत्रों में समाज सेवा के कई पहलुओं पर काम करता है। इसके तहत कई कार्य किए जाते हैं, जिनमें संगठन के चार आयाम शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवा संस्कार, स्वावलम्बन, सामाजिक भी शामिल हैं। यहां कुछ मुख्य कार्य हैं

स्वावलम्बन कार्य:

सेवाभारती स्वरोजगार के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है, जिससे लोग नौकरी के बजाय खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है जिनके पास विशेषज्ञता और रुचि होती है, लेकिन उनके पास उचित मार्गदर्शन नहीं होता।

शिक्षा प्रोत्साहन:

सेवाभारती शिक्षा के क्षेत्र में भी कार्य करता है। यह गरीब और पिछड़े बच्चों को शिक्षा और संस्कार की सुविधा प्रदान करने के लिए बाल संस्कार केन्द्र चलाता है. तथा कई तरह की गतिविधि कार्यक्रम आयोजित करता है, इस तरह से बच्चो को शिक्षा के साथ संस्कार प्रदान करते है, जिससे उन्हें बेहतर भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाने में मदद मिल सके।

चिकित्सा सेवाएँ:

सेवाभारती आरोग्य सेवाओं में भी सबसे आगे बढ़कर कार्य करता है. संगठन की टीम कच्ची बस्तियो और झुग्गी झोपड़ियों में जाकर जरूरतमंद को चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए भी काम करता है। कार्यकर्ता दुर्गम  क्षेत्रों में जाकर बीमारों के इलाज और स्वास्थ्य शिविर आयोजित करता है।

सामाजिक समरसता:

सेवाभारती समाज में सामाजिक एकता और अखंडता की रक्षा करने के लिए भी काम करता है। यह विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है जो समाज के विभिन्न वर्गों को एकत्र करने में मदद करते हैं। जिससे समरस समाज की कल्पना साकार हो सके. सामाजिक समरसता समाज में सभी वर्गो के बीच समानता और न्याय की स्थापना करना होता है। एक ऐसे समाज में हर किसी को समान अवसर मिलते हैं और कोई भी व्यक्ति अपनी क्षमताओं के आधार पर समाज में उन्नति कर सकता है। सामाजिक समरसता का माध्यम होती है शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, रोजगार, आदि। जैसे सर्वजातीय विवाह सम्मलेन, कन्या पूजन कार्यक्रम, सामूहिक हनुमान चालीसा और सत्संग कार्यक्रम

संकटमोचन सेवा:

सेवाभारती आपदा प्रबंधन और आपदा से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए भी काम करता है। यह आपदा के समय खाद्य, आवास और मुलभुत आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता प्रदान करता है। सर्व विदित है की किसी भी आपदा में कार्यकर्ता क्षण भर में स्थिति को नियंत्रित करने की क्षमता रखते है.

सेवाभारती संगठन का परिचय की कड़ी में हम कह सकते हैं कि कई ऐसे कार्यक्रम हो सकते हैं जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सेवा करते हैं और गरीब, पिछड़े और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने का उद्देश्य रखते हैं। आपको सेवाभारती की टैग लाइन नर सेवा नारायण सेवा को भी समझना चाहिए।

मानवता का आदर्श होना तभी संभव है जब हम नर सेवा और नारायण सेवा के महत्व को समझते हैं और सामाजिक समरसता की दिशा में कदम उठाते हैं। यह मूल्य सिर्फ धार्मिक आदर्श नहीं हैं, बल्कि एक सशक्त और सद्गुणी समाज की नींव भी हैं।

नर सेवा-नारायण सेवा:

नर सेवा का अर्थ होता है मानवता की सेवा करना। हमारे चारों ओर हजारों लोग ऐसे होते हैं जिन्हें हमारी मदद और सहायता की आवश्यकता होती है। असहाय महसूस करने वाले वृद्ध, बच्चे, गरीब, अशिक्षित, बिना घर के लोग आदि समाज के अलग-अलग वर्ग हैं जिनकी सेवा करके हम उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। जब हम मानवता की सेवा में लगते है तो हमारे कदम समाज में समरसता और सामाजिक न्याय की ओर बढ़ते हैं। नारायण सेवा का अर्थ होता है दिव्यता को समझकर उसमें सेवा करना। हमारे धार्मिक और आध्यात्मिक आदर्शों के अनुसार, हर व्यक्ति में ईश्वर का अंश होता है। इसलिए उनकी सेवा करने से हम उन्हें और अपने आप को भी उन्नत कर सकते हैं। नारायण सेवा के माध्यम से हम अपनी आत्मा की शुद्धि करने में सक्षम होते हैं और आत्मानुशासन में सुधार करते है.

सामाजिक जिम्मेदारी:

युवा पीढ़ी का एक महत्वपूर्ण कार्य है समाज में अपनी जिम्मेदारियों को निभाना। समाज सेवा के माध्यम से वे अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का योगदान करते हैं। सेवाभारती के उद्देश्य और लक्ष्य जानकर युवा समझ सकते है की सेवाभारती से बेहतर मंच कोई अन्य नहीं हो सकता है.

सामाजिक सुधार:

अनेको युवाओ में कही न कई यह भाव पनपता है की मेरे समाज में व्याप्त बुराइयों को मै किस प्रकार दूर कर सकता हु, युवा वर्ग के सेवाभारती के सम्पर्क में आने के बाद युवा सेवा के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों व कमियों को सुधारने का अवसर प्राप्त करते हैं। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण आदि जैसे क्षेत्रों में काम करके समाज को बेहतर बनाने में मदद कर करते हैं।

नेतृत्व कौशल:

पढ़े लिखे युवा यह भलीभांति जानते समझते है की समाज सेवा में शामिल होने और लोगो से निरंतर सम्पर्क बनाने से नेतृत्व कौशल विकसित कर सकते हैं। वे लोगों को मार्गदर्शन करने, संघटना करने और प्रबंधन करने का अवसर प्राप्त करते हैं, जो उनके व्यक्तिगत और पेशेवर विकास में मददगार साबित होते हैं।

आत्म-समर्पण:

समाज सेवा में योगदान करने से युवा लोग अपने आपको समर्पित महसूस करते हैं और आत्म-समर्पण की भावना विकसित करते हैं। इसके माध्यम से वे अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाने का मार्ग तैयार करते हैं।

समाज में परिवर्तन:

युवाओं का जोश, ऊर्जा और आवेश समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद कर सकते हैं। उनके नए विचार और नये तरीके समाज को बेहतर दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं। इन कारणों से, युवाओं को समाज सेवा में आगे आना चाहिए ताकि वे न केवल अपने व्यक्तिगत विकास में सहायक हों, बल्कि समाज को भी उनकी सकारात्मक ऊर्जा और योगदान की आवश्यकता है।

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