कानपुर: जमीन के झगड़े में परिवार के चार सदस्यों की निर्मम हत्या
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक पुराने जमीन विवाद ने खूनी रूप ले लिया। इस विवाद में एक ही परिवार के चार सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। पुलिस ने मामले में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और पूरे गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है।

कानपुर के ग्रामीण इलाके में जमीन विवाद ने ली चार निर्दोष जिंदगियों की बलि — पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया, इलाके में मातम का माहौल।
कानपुर के एक ग्रामीण इलाके में मंगलवार देर रात यह हृदयविदारक घटना सामने आई। बताया जा रहा है कि परिवार और उनके रिश्तेदारों के बीच जमीन को लेकर वर्षों पुराना विवाद चल रहा था। मंगलवार रात यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में कहासुनी हिंसा में बदल गई और चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि रात करीब 10 बजे घर से चीख-पुकार की आवाज़ें आईं। जब लोग घटनास्थल पर पहुंचे, तो घर के अंदर खून से लथपथ चार शव पड़े थे। पुलिस ने तुरंत इलाके को घेर लिया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि हमलावरों ने धारदार हथियारों और लाठियों का इस्तेमाल किया। घर के दरवाजे और खिड़कियाँ टूटी पाई गईं, जिससे स्पष्ट है कि हमला अचानक और बर्बर तरीके से किया गया था। मौके से खून के निशान, कपड़े और एक टूटी हुई कुल्हाड़ी भी बरामद हुई है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हत्या के पीछे मुख्य वजह जमीन का मालिकाना हक़ बताया जा रहा है। आरोप है कि कुछ माह पहले इस जमीन पर कब्जा करने की कोशिश हुई थी, जिसके बाद से दोनों परिवारों में तनाव था। पीड़ित पक्ष ने पहले भी थाने में शिकायत दी थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और जिले के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने अब तक कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। गांव में शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
मृतकों की पहचान एक ही परिवार के चार सदस्यों के रूप में हुई है — पिता, माता और दो युवा संतानें। गांव में मातम छाया हुआ है और लोगों के चेहरे पर दहशत साफ झलक रही है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और धाराएँ 302 (हत्या), 147 (दंगा), 148 (हथियार से हमला), और 149 (सामूहिक अपराध) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी इस मामले की रिपोर्ट तलब की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि ग्रामीण इलाकों में जमीन विवाद किस हद तक खतरनाक रूप ले सकते हैं। कानपुर के इस मामले ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है, और अब सबकी निगाहें पुलिस जांच और न्यायिक प्रक्रिया पर टिकी हैं।










