वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान: जल संरक्षण बना जन आंदोलन, हरियालो राजस्थान की दिशा में मुख्यमंत्री शर्मा की महत्वपूर्ण पहल

जयपुर, 18 जून 2025 – राजस्थान में जल संरक्षण को लेकर शुरू हुआ वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान अब जन आंदोलन का रूप ले चुका है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जल ही जीवन है और इसके संरक्षण से ही हरियालो राजस्थान की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। उन्होंने आमजन से मानसून सीजन में जल की प्रत्येक बूंद को संजोने और अधिक से अधिक पौधारोपण करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने राजसमंद में अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जल और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से इस अभियान को समाज के हर वर्ग की भागीदारी मिल रही है। उन्होंने 18 जून 1576 को लड़े गए हल्दीघाटी युद्ध को याद करते हुए कहा कि यह केवल युद्ध नहीं था, बल्कि स्वतंत्रता, स्वाभिमान और आत्मसम्मान की रक्षा का प्रतीक है। महाराणा प्रताप द्वारा दिखाई गई वीरता आज भी प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
पूजा-अर्चना और पौधारोपण से की गई शुरुआत
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राजसमंद झील स्थित नौ चौकी पाल पर पूजा-अर्चना और झील आरती की। इसके बाद सिंदूर का पौधा रोपित कर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत जनभागीदारी का आह्वान किया। साथ ही कांकरोली के द्वारिकाधीश मंदिर में पूजा कर प्रदेश की समृद्धि की कामना की।
जल संस्कृति को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरे के अवसर पर शुरू किए गए इस अभियान के तहत जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, जल स्रोतों की सफाई, परंपरागत जलाशयों का पुनरोद्धार और जनजागरूकता जैसे कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जल को अमृत मानते हुए बावड़ी, तालाब, जोहड़ और कुएं जैसे स्रोत विकसित किए। यह अभियान उन परंपराओं को आधुनिक स्वरूप में पुनर्जीवित कर रहा है।
जल आपूर्ति को लेकर सरकार की प्राथमिकता
सरकार द्वारा दशकों से लंबित रामजल सेतु लिंक परियोजना, यमुना जल समझौता और इंदिरा गांधी नहर, माही बांध, देवास परियोजना जैसी योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य है राजस्थान को जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरणा लेते हुए राज्य में पिछले वर्ष 7 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं।
महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण उत्थान पर जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं को राजीविका जैसी योजनाओं से आत्मनिर्भरता मिली है। उज्ज्वला योजना, नल से जल योजना और शौचालय निर्माण जैसे प्रयासों ने महिला सम्मान और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है।
राज्य सरकार महिला, किसान, युवा और मजदूर वर्ग के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। अगले पांच वर्षों में 4 लाख सरकारी नौकरियों की घोषणा, राइजिंग राजस्थान समिट के माध्यम से रोजगार सृजन और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं से विकास को गति दी जा रही है। साथ ही, 5 हजार गांवों को गरीबी मुक्त बनाने की दिशा में योजनाएं चल रही हैं।
स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक सहायता
कार्यक्रम में महिला निधि के माध्यम से 240 स्वयं सहायता समूहों को 2.51 करोड़ रुपये और 297 समूहों को बैंकों से 11 करोड़ रुपये के क्रेडिट लिंकेज चेक सौंपे गए। जल स्वावलंबन अभियान के तहत विभिन्न संस्थानों से CSR के अंतर्गत 2 करोड़ रुपये की राशि भी भेंट की गई। साथ ही राजसमंद जिला प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया गया।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, विधायक दीप्ति माहेश्वरी, सुरेन्द्र सिंह राठौड़ सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और आमजन मौजूद रहे।