- जयपुर
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा समर कंटीन्जेंसी के तहत स्वीकृत कार्य सहित अन्य आकस्मिक कार्यों को 31 मई तक पूर्ण करें जिससे राज्य सरकार के निर्देशानुसार इन कार्यों का लाभ ग्रीष्म ऋतु में आमजन को मिल सके एवं उन्हें किसी भी तरह की पेयजल की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
डॉ. समित शर्मा बुधवार को वीडियो कॉन्फेंस के माध्यम से अतिरिक्त मुख्य अभियंता सहित अधीक्षण अभियंताओं के साथ समर कंटीन्जेंसी कार्य एवं जल जीवन मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समर कंटीन्जेंसीज के तहत स्वीकृत कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी एवं यह कार्य गुणवत्तापूर्ण होने चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों की प्रगति कम है उन्हें 31 मई तक हर- हालात में यह कार्य पूर्ण करना है.
अगर इस समर अवधि के उपरांत यह कार्य पूर्ण नहीं किए जाते हैं तो ऐसे अधीक्षण अभियंताओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था हेतु नलकूप निर्माण कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिए साथ ही इन नलकूपों को 31 मई तक स्थापित कर दिया जाए जिससे आमजन को ग्रीष्म ऋतु में पेयजल उपलब्ध हो सके।
अवैध कनेक्शन के विरुद्ध हो प्रभावी कार्यवाही-
शासन सचिव ने कहा कि राइजिंग मेन लाइन से जिन व्यक्तियों द्वारा अवैध कनेक्शन ले रखे हैं उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई जाए साथ ही अवैध कनेक्शन की वजह से जो वाटर सप्लाई बाधित हो रही है उन्हें हटाने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए जिससे अंतिम छोर पर रहने वाले व्यक्ति को भी पानी मिल सके। उन्होंने कहा की एंटी सोशल एक्टिविटीज एवं विभागीय नीति के विरुद्ध कार्य करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। ग्रीष्म काल ( समर ) में पेयजल से संबंधित जो भी कार्य किया जा रहे हैं उनका धरातल पर अधिकारियों द्वारा निगरानी एवं पर्यवेक्षण किया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि यह कार्य गुणवत्तापूर्ण हो रहे हैं।
टैंकर्स पर जीपीएस का हो उपयोग-
शासन सचिव ने कहा कि टैंकर्स के माध्यम से जो प्रतिदिन पेयजल की सप्लाई की जा रही है उसकी अच्छी तरह से मॉनिटरिंग की जाए साथ में इसमें किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। टैंकर्स पर जीपीएस लगा होना चाहिए एवं ओटीपी आधारित प्रक्रिया से पेयजल की आपूर्ति करें ,साथ ही इनका ग्राउंड लेवल पर अच्छी तरह से मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि किसी कारण से अभी तक जो खुदे हुए नलकूप एवं हेड पंप चालू नहीं हो पाए हैं उन्हें चालू करवाने के लिए आवश्यक कार्य की जाए। उन्होंने हैण्ड पंप निर्माण की स्थिति की प्रगति के बारे में जानकारी लेकर संबंधित अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
शासन सचिव ने कहा कि नियंत्रण कक्ष पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का नियत समय पर समाधान किया जाए साथ ही ग्रीष्म ऋतु के दौरान जल शुद्धिकरण एवं पेयजल के गुणवत्ता की प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि बिजली कनेक्शन के कारण जो नलकूप अभी तक चालू नहीं हुए हैं उन्हें चालू करवाने के लिए विद्युत विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों से समन्वय कर 25 मई तक चालू कराया जाए।
शासन सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप समर काल में जल जीवन मिशन के तहत कार्य शीघ्र, गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी तरीके से कराए जाएं। योजना में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिन जिलों द्वारा अभी तक जिओ टैगिंग नहीं की गई है वे यह कार्य किया जाना सुनिश्चित करें साथ ही घरेलू जल कनेक्शन में जो जिले पिछड़े हुए हैं उनमें वृद्धि की जाए। उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत निम्न प्रगति वाले जिलों को आगामी वीडियो कॉन्फ्रेंस से पूर्व सुधार करने के निर्देश दिए। एमनेस्टी योजना के तहत जिन जिलों में बकाया राजस्व वसूली की प्रगति कम है उन्हें विशेष कार्य योजना बनाकर वसूली करने के निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों से आह्वान किया कि समर में सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगाई जाए और वहां पर पेयजल की व्यवस्था यथा संभव जलदाय विभाग द्वारा की जाए। वीडियो कॉन्फेंस में जल जीवन मिशन के निदेशक बचनेश अग्रवाल, संयुक्त शासन सचिव प्रवीण लेखरा, उप शासन सचिव शंकर लाल सैनी, मुख्य अभियंता (प्रशासन) मुकेश गोयल, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) के.डी गुप्ता, मुख्य अभियंता (शहरी) राकेश लुहाड़िया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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